मैनपुरी- समाजवादी पार्टी (सपा) के किले के रुप में विख्यात मैनपुरी संसदीय क्षेत्र से उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार के तौर पर मैदान पर उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
सपा अपने अभेद दुर्ग को किसी भी हालत में सुरक्षित रखना चाहती है,वंही भाजपा मैनपुरी पर पहली जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतर रही है। जयवीर सिंह का नाम काफी इंतजार के बाद भाजपा आलाकमान ने गुरुवार को घोषित किया है जिसके बाद से सपा नेतृत्व में मंथन तेज हो गया है।
सपा के सूत्रों का कहना है कि मैनपुरी सीट को पार्टी किसी भी दशा में खोना नहीं चाहती,ऐसे में मैनपुरी से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। डिम्पल यादव को कन्नौज से और अखिलेश यादव के मैनपुरी से लड़ने की चर्चाएं मैनपुरी में जोरों से हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि जयवीर सिंह के सामने डिम्पल यादव का चुनाव जीतना इतना आसान नहीं था।
मैनपुरी लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की कर्मस्थली माना जाता है। नेता जी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव की एक चुनावी सभा वन्यदल क्षेत्र में पडरिया चौराहे पर और एक चुनावी सभा कोसमा क्षेत्र में होने के बाद से उनको चाहने वाले जी-जान से उनकी अपील पर पार्टी प्रत्याशी को जिताने में जुट जाते थे। और कभी-कभी तो मुलायम सिंह यादव चुनावी सभाओं में झोली फैलाकर वोट माँग लेते थे। मुलायम सिंह यादव का जनता से सीधा-सीधा जुड़ाव था। वह हर चुनावी सभा में सामने बैठे लोगों में से किसी न किसी का नाम लेकर हाल-चाल पूंछ लेते थे। मुलायम सिंह यादव मैनपुरी में कभी नहीं हारे और मैनपुरी की जनता ने देश में भले ही किसी भी पार्टी की लहर चल रही हो पर मैनपुरी में मुलायम सिंह की ही लहर चली।
1991 के लोकसभा चुनाव से 2019 तक हुए सभी लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी या उनके गठबंधन का प्रत्याशी ही विजयी रहा। बलराम सिंह यादव और उदयप्रताप सिंह यादव को अगर छोड़ दिया दिया जाए तो 10 बार तो सैफई परिवार का कोई न कोई मैनपुरी से सांसद बना।
कभी समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे जयवीर सिंह ठाकुर के मैनपुरी से प्रत्याशी बनने के बाद मैनपुरी का चुनाव काफी रोमांचक हो गया है। मुलायम सिंह की विरासत को सुरक्षित रखने के लिए अखिलेश यादव की मैनपुरी से प्रत्याशी हो सकते हैं। राजनीति की समझ रखने वालों का मानना है कि जयवीर सिंह ठाकुर राजनीति के दाँव-पेच चलने में माहिर हैं,ऐसे में डिम्पल यादव का उनके सामने मजबूती से टिके रहना मुश्किल हो सकता है। फिलहाल जयवीर सिंह के मैनपुरी के चुनावी अखाडे में आ जाने से भाजपाई जोश में हैं और पहलवान से नेता बने मुलायम सिंह यादव की कर्मस्थली को सुरक्षित रखने के लिए अखिलेश यादव को अपने पिता का सिखाया कोई दाँव मैनपुरी के अखाड़े में चलना होगा,तभी सपा का गढ़ सुरक्षित रह सकेगा।