पटना। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गुरुवार को जोरदार हमला बोला। गिरिराज सिंह ने ममता की तुलना नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह किम जोंग विपक्ष को बर्दाश्त नहीं करते, ठीक इसी प्रकार बंगाल में ममता विपक्ष को बर्दाश्त नहीं करती हैं। ट्रेनी डॉक्टर संग हुई ज्यादती के मुद्दे पर बंगाल सरकार को घेरते हुए आगे कहा, आज वो लोग जो बंगाल की बेटी के साथ हुए बलात्कार पर बंगाल में नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन, वो टुकड़े-टुकड़े गैंग ममता बनर्जी के साथ दिखाई देता है। बंगाल में ममता बनर्जी हार चुकी हैं और अपनी लोकप्रियता खो चुकी हैं।
इसलिए वह असैंवाधिक बातें बोल रही हैं। संघीय ढांचे को तोड़ रही हैं। उनके समर्थन में राहुल गांधी और लालू यादव खड़े हैं। गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी की भाषा पर आपत्ति जताई। कहा कि उन्होंने जिस तरह से बयान दिया है,यह जुबान लोकत्रांतिक व्यक्ति की नहीं हो सकती है। चूंकि, वह मुख्यमंत्री हैं, उनका बर्ताव नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन जैसा ही है। जैसे वह अपने विपक्ष को पसंद नहीं करते, वैसे ही ममता भी विपक्ष को पसंद नहीं करती हैं।
बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप हत्या के मामले में देशभर में आक्रोश है। बीते दिनों एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा है कि “याद रखें, अगर बंगाल जलेगा, तो असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे। ममता के इस बयान पर भाजपा ने सख्त ऐतराज जताया है। ममता बनर्जी के इस बयान पर भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुधवार को चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में उन्होंने पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर चिंता जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के स्टेटमेंट से राज्य में अशांति की आशंका जताई है। वहीं, ममता के बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी ऐतराज जताया था।
उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा कि दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। अपनी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए। आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता। बंगाल में लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। बीते दिनों भाजपा ने प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमें भाजपा के कई नेताओं को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था।