Friday, November 22, 2024

बिहार की राजग सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी, मांझी ने भी जताई आपत्ति

पटना – महागठबंधन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठित नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के कारण मंत्रिमंडल विस्तार में देरी होती दिख रही है।


मुख्यमंत्री श्री कुमार ने 28 जनवरी को महागठबंधन को छोड़ दिया और राजग की सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया। श्री कुमार के अलावा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के तीन, भाजपा के तीन, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के एक और एक निर्दलीय को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने शपथ दिलाई। श्री कुमार ने घोषणा की थी कि वह दो दिनों के अंदर अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे लेकिन चार दिन बाद भी शपथ लेने वाले मंत्रियों के बीच न तो विभागों का बंटवारा हुआ है और न ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सका है।


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हम के संरक्षक जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कैबिनेट में दो सीटों की मांग की है। उनके बेटे संतोष कुमार सुमन को पहले ही मंत्री बनाया जा चुका है लेकिन वह पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता अनिल कुमार सिंह के लिए कैबिनेट मंत्री पद की मांग कर रहे हैं।


श्री मांझी ने कहा, “श्री सिंह मगध क्षेत्र से ऊंची जाति के नेता हैं और उन्हें मंत्री बनाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं से बात कर कैबिनेट में दो सीटें मांगी हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि श्री शाह ने उनके दो मंत्री पद के अनुरोध के जवाब में कहा, ‘यह मुश्किल लग रहा है।’

हम के संरक्षक ने कहा कि महागठबंधन की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि वह उच्च सिद्धांत वाले नेता हैं और कोई भी उन्हें धन या पद की पेशकश करके आकर्षित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार और आवंटन में इतनी देरी हुई है। उम्मीद है कि 05 फरवरी तक कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा।

श्री मांझी ने निर्दलीय सुमित सिंह को कैबिनेट में शामिल करने के बाद पसंदीदा विभाग दिए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यदि निर्दलीय को पसंदीदा विभाग दिया जा रहा है तो हम से दो मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भाजपा मुख्यमंत्री श्री कुमार से गृह विभाग की मांग कर रही है लेकिन इसके लिए वह तैयार नहीं हैं। लगभग 18 वर्षों के अपने लंबे कार्यकाल में श्री कुमार ने कभी भी गठबंधन के किसी अन्य घटक को गृह विभाग आवंटित नहीं किया है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय