नई दिल्ली। मन की बात कार्यक्रम के दौरान रविवार को प्रधानमंत्री ने बिहार की मुसहर जाति के लोगों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि बिहार में मुसहर एक अत्यंत वंचित समुदाय रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि बिहार में रहने वाले एक व्यक्ति हैं भीम सिंह भावेश जी। प्रधानमंत्री ने बताया कि अपने क्षेत्र के मुसहर जाति के लोगों के बीच उनके कार्यों की खूब चर्चा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भीम सिंह ने इस समुदाय के बच्चों की शिक्षा पर फोकस किया है। उन्होंने मुसहर जाति के 8000 बच्चों का स्कूल में दाखिला करवाया।
प्रधानमंत्री ने भीम सिंह के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने एक लाइब्रेरी बनवाई, इससे बच्चों को पढ़ाई-लिखाई की बेहतर सुविधा मिल रही है। वह अपने समुदाय के लोगों के जरूरी डॉक्यूमेंट बनवाने में भी मदद कर रहे हैं। इससे जरूरी संसाधनों तक गांव के लोगों की पहुंच और बेहतर हुई है। लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो, इसके लिए उन्होंने 100 से अधिक मेडिकल कैंप लगवाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि जब कोरोना का महासकंट सिर पर था, तो सिंह ने अपने क्षेत्र के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए भी प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भीम सिंह जैसे अनेक लोग हैं, जो समाज में ऐसे नेक कार्यों में जुटे हैं। एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर हम इसी प्रकार अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे, तो यह एक सशक्त राष्ट्र निर्माण में बहुत मददगार होगा।
प्रधानमंत्री ने वन्य जीव संरक्षण का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 250 से अधिक हो गई है। यहां इंसानों और बाघों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज युवा एंटरप्रेन्योर भी वन्य जीव संरक्षण और इको टूरिज्म के लिए नए-नए इनोवेशन सामने ला रहे हैं। उत्तराखंड के रुड़की में ऐसा ड्रोन तैयार किया गया है, जिससे नदियों में घड़ियालों पर नजर रखने में मदद मिल रही है। इसी तरह से बेंगलुरु की एक कंपनी ने बघीरा और गरुड़ नाम का एक ऐप बनाया है। बघीरा ऐप से जंगल सफारी के दौरान वाहनों की स्पीड और दूसरी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। देश के कई टाइगर रिजर्व में इसका उपयोग हो रहा है। वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित गरुड़ ऐप को सीसीटीवी से कनेक्ट करने पर रियल टाइम अलर्ट मिलने लगता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम हजारों वर्षों से प्रकृति और वन्यजीवों के साथ सह अस्तित्व की भावना से रहते आए हैं। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां रहने वाले आदिवासी परिवारों ने अपने घरों को होमस्टे में बदल दिया है।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान बकरी पालन का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ओडिशा के कालाहांडी में बकरी पालन गांव के लोगों के आजीविका के साथ-साथ उनके जीवन स्तर को उठाने का माध्यम बन रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस प्रयास के पीछे जयंती महापात्र व उनके पति विरेन साहू का एक बड़ा फैसला है। यह दोनों बेंगलुरु में मैनेजमेंट प्रोफेशनल थे, लेकिन इन्होंने कालाहांडी के गांव आने का फैसला किया। सेवा और समर्पण के भाव से इन्होंने किसानों के साथ काम शुरू किया। इन्होंने यहां एक गोट बैंक भी खोला है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि यहां किसानों को 24 महीने के लिए दो बकरियां दिया जाती है। इस दौरान बकरियां 9 से 10 बच्चों को जन्म देती है इनमें से 6 बकरियां बैंक रखता है बाकी उसी परिवार को दे दी जाती है, जो बकरी पालन करता है। आज 50 गांवों के 1000 से अधिक किसान इस योजना के साथ जुड़े हैं।