जैसे नदी तालाब में डूबते व्यक्ति को सांस लेने के लिए हवा पाने की छटपटाहट होती है, ठीक वैसे ही जीवन में देखे गये सपनों को साकार करने के लिए उसी प्रकार की बैचेनी होनी चाहिए। यही छटपटाहट, यही बैचेनी सफलता पाने का कालजयी गुरू मंत्र है।
इस संसार में सफल होने का सपना कौन नहीं देखता, परन्तु उसके लिए त्याग, तत्परता और समर्पण का भाव कितने लोगों में है। निश्चय ही जिन लोगों में इन तत्वों का अभाव रहता है वे लक्ष्य पाने में सफल नहीं हो पाते।
स्मरण रहे जब सफल होने के लिए आपका मन बैचेन रहने लगे, आपको अपने लक्ष्य के अतिरिक्त कुछ भी दिखाई न दे, तो यह मानकर चलिए कि आप सफलता के सोपान पर आरूढ़ हो गये हैं।
आपको अपने मन-मस्तिष्क में यह बात रखनी चाहिए कि आप परमपिता की संतान हैं और महान चीजों के लिए बनाये गये हैं। ईश्वर ने आपको सामान्य जीवन जीने के लिए नहीं बनाया है। ऐसा करने के लिए उसने आपको योग्यता, अन्तर्दृष्टि, प्रतिमा, बुद्धि और अलौकिक शक्तियां दी हैं। आपके पास अपनी नियति को पूरा करने के लिए ईश्वर प्रदत्त हर अनिवार्य वस्तु मौजूद है।