मुजफ्फरनगर। जनपद में बहुचर्चित 33 साल पुराने धौलड़ी कांड में अभी तक आरोप तय नहीं हो सके हैं। प्रकरण की पत्रावलियां अब फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-तीन में ट्रांसफर कर दी गई है। सुनवाई के लिए छह जून की तिथि तय की गई। अभियोजन के अनुसार जुलाई 1991 में जिले के तितावी थाना क्षेत्र के गांव धौलड़ी कांड में डकैती की सूचना पर पुलिसकर्मी सादी वर्दी में दबिश देने पहुंचे गए थे।
ग्रामीणों ने बदमाश समझकर लाइसेंसी बंदूकों से फायरिंग कर दी थी। फायरिंग में हेड कांस्टेबल हरेंद्र की मौत हो गई थी, जबकि पुलिसकर्मी रामभूल सिंह और जवाहर सिंह घायल हो गए थे। तत्कालीन थानाध्यक्ष कुंवरपाल वर्मा ने सात ग्रामीणों को नामजद करते हुए 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम कराया था। शासन के आदेशों पर तफ्तीश सीबीसीआईडी को सुपुर्द हो गई थी। जांच एजेंसी के विवेचक ने आरोपी जगलेश कुमार के नाम जोड़ते हुए आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। लंबे समय बाद भी अभी तक आरोप तय नहीं हो सके हैं।
उच्च न्यायालय ने जून 2022 में आरोपियों की गिरफ्तारी का स्टे खत्म कर दिया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को तलब करने के लिए नोटिस भेजे। इसके बावजूद पुलिस चार आरोपियों को नहीं ढूंढ नहीं पा रही है। अब केस की पत्रावली अब अपर सत्र न्यायालय संख्या 10 से अपर सत्र न्यायालय एफटीसी-3 में ट्रांसफर कर दी गई है।
अगली सुनवाई के लिए छह जून की तिथि तय की है। अदालत ने आरोपी धौलड़ी निवासी तेजपाल, गरीबा, बुडीना कलां निवासी सतपाल और जोगेंद्र की पत्रावली अलग कर दी। आरोपी जसोई निवासी जगलेश की हाईकोर्ट से जमानत हो चुकी है। धौलड़ी निवासी नेपाल, जसवीर और हरवीर की मृत्यु होने के कारण केस से नाम उपशमित (कम) कर दिए हैं।