लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का विरोध कर रहे शिक्षकों के पक्ष में समाजवादी पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती भी मैदान में कूद गई हैं। उन्होंने इसे जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के थोपा गया कदम बताया है।
मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा “उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ज़रूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहां बदहाली की शिकायतें आम रही हैं, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने की बजाय सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है, यह क्या उचित है?”
उन्होंने आगे लिखा कि शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो “जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के” ही थोप दिया गया है। इससे कहीं ज्यादा जरूरी है शिक्षकों की सही और समुचित संख्या में भर्ती के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई सुनिश्चित हो सके। राज्य के प्राइमरी स्कूलों में डिजिटल हाजिरी का मामला हल होता नहीं दिख रहा है। पूरे प्रदेश के शिक्षक इस बात पर अड़ गए हैं कि वह मांगे माने जाने तक ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाएंगे। इसे लेकर सभी जिलों में आंदोलन हो रहे हैं।
उधर इस मामले को हल करने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सभी जिलाधिकारी बीएसए और एबीएसए के साथ मिलकर स्थानीय शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करें, उनकी समस्याओं, जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान करें, शिक्षक प्रतिनिधियों से प्रतिवेदन प्राप्त कर मुख्यालय को प्रेषित करें। पठन-पाठन सुचारू रूप से चलता रहे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।