मेरठ। गेहूं खरीद के लिए जिले के चार ब्लॉकों में 37 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। वहीं, चार एजेंसियां एमएसपी रेट पर गेहूं खरीद रही हैं। हालांकि क्रय केंद्र चालू हुए 17 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंचे हैं। एजेंसियों को गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करना इस बार भी चुनौतीपूर्ण रहेगा।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो गई है। यह 15 जून तक चलेगी। इस समय ब्लॉक मवाना में 19, खरखौदा में 4, मेरठ-सदर में 12 और सरधना में छह क्रय केंद्र बनाए गए हैं। जरूरत पड़ने पर क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। इनमें विपणन शाखा के 12 क्रय केंद्र, पीसीएफ के 14, यूपीएसएस के 9 और एफसीआई के दो क्रय केंद्र बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 46 हजार मिट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला था, लेकिन एजेंसियां 1836 मिट्रिक टन गेहूं ही खरीद सकी थीं। इस बार भी उन्हें यही लक्ष्य मिला है। इसे पूरा करना आसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि गेहूं की खरीद केवल पंजीकरण कराने वाले किसानों से होगी। पिछले वर्ष 1350 किसानों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 553 किसानों ने ही अपना गेहूं बेचा था। इस वर्ष केवल 77 किसानों ने ही अपना पंजीकरण कराया है।
सरकार ने गेहूं के दाम 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। इसमें से भी 20 रुपये प्रति क्विंटल खर्च काट लिया जाता है। बाजार में किसानों को इससे अधिक दाम मिल जाते हैं। जिला खाद्य विपणन अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह का कहना है कि गेहूं बुवाई के बाद पंजीकरण करानेे के लिए किसानों में जागरूकता की कमी है। इस बार राशन डीलरों व अन्य माध्यमों से गांव-गांव में किसानों को गेहूं की फसल का पंजीकरण कराने लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि किसानों का क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए रुझान बढ़ सके।