राजौरी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की। उन्होंने वक्फ कानून को मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं पर सीधा हमला करार दिया। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को सीमावर्ती जिले राजौरी का दौरा किया, जहां उन्होंने पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और स्थानीय निवासियों के साथ बातचीत की। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और उस पर अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हाल ही में पारित वक्फ संशोधन कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं पर सीधा हमला है। मुफ्ती ने कहा, “वक्फ संशोधन के नाम पर कानून दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है
यह हमारे धार्मिक मामलों और भावनाओं में हस्तक्षेप है।” भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बेरोजगारी और महंगाई जैसे वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “सत्ता में आने से पहले भाजपा ने हर साल दाे करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन आज वे नारे खोखले साबित हो रहे हैं। आकांक्षाओं को पूरा करने के बजाय सरकार देश को धार्मिक ध्रुवीकरण की ओर धकेल रही है।
“मुफ्ती ने आगे आरोप लगाया कि शासन की विफलताओं पर जवाबदेही से बचने के लिए जानबूझकर पूरे देश में मुस्लिम विरोधी माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने विवादास्पद कानून पर चुप रहने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “उन्होंने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला और यहां तक कि संसद में इसे पेश करने वाले केंद्रीय मंत्री का स्वागत भी किया।” इसके अलावा पीडीपी प्रमुख ने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) शासित जम्मू-कश्मीर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मौजूदा निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) प्रशासन में कोई अंतर नहीं है।