नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज़ादी के बाद से ही राजनीतिक दलों ने मध्यम वर्ग को “मानसिक गुलाम” बनाकर रखा है। केजरीवाल ने कहा कि यह वर्ग सबसे ज्यादा मेहनत करता है, सबसे ज्यादा टैक्स देता है, लेकिन बदले में उसे कुछ नहीं मिलता।
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उन्होंने कहा, “मध्यम वर्ग की जरूरतों और समस्याओं को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। राजनीतिक दलों ने उन्हें हमेशा वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया, लेकिन उनकी भलाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। अब वक्त आ गया है कि मध्यम वर्ग की आवाज़ संसद में गूंजे। हमारी पार्टी उनके मुद्दों को सशक्त तरीके से उठाएगी।”
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केजरीवाल ने केंद्र सरकार से वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन किराए में 50 प्रतिशत रियायत को फिर से लागू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस सुविधा को समाप्त कर दिया गया। ये वो लोग हैं जिन्होंने देश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। उनके लिए इस रियायत को बहाल करना हमारी जिम्मेदारी है।”
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अरविंद केजरीवाल ने मध्यम वर्ग की भलाई के लिए एक 7 सूत्रीय चार्टर की घोषणा की। इस चार्टर में प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- शिक्षा बजट में वृद्धि: शिक्षा बजट को मौजूदा 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाएगा।
- निजी स्कूलों पर नियंत्रण: निजी स्कूलों की फीस में अनुचित बढ़ोतरी पर सख्त रोक लगाई जाएगी।
- वरिष्ठ नागरिकों को रियायत: ट्रेन किराए में वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 प्रतिशत रियायत बहाल की जाएगी।
- टैक्स रिफॉर्म: मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए सुधार किए जाएंगे।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और सुलभ बनाया जाएगा।
- रोज़गार के अवसर: मध्यम वर्ग के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे।
- महंगाई पर नियंत्रण: रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
केजरीवाल ने वादा किया कि उनकी पार्टी के सांसद आगामी संसदीय सत्रों में मध्यम वर्ग के मुद्दों को प्राथमिकता के साथ उठाएंगे। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ वादे नहीं करते, बल्कि उन्हें निभाते भी हैं। हमने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार कर दिखाया है। अब हम पूरे देश के मध्यम वर्ग को उसका अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अरविंद केजरीवाल ने अन्य राजनीतिक दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा बड़े उद्योगपतियों और अमीर वर्ग को फायदा पहुंचाने की रही है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक दलों ने मध्यम वर्ग को वोट बैंक से ज्यादा कुछ नहीं समझा। अब हम इस सोच को बदलेंगे।”
केजरीवाल की इन घोषणाओं को जनता के बीच सराहना मिल रही है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनकी 7 सूत्रीय योजना को सराहा और कहा कि यह मध्यम वर्ग की समस्याओं का समाधान कर सकती है।
अरविंद केजरीवाल ने अंत में जनता से अपील की कि वे इस अभियान में शामिल हों और अपनी आवाज़ बुलंद करें। उन्होंने कहा, “अगर हम सब मिलकर कोशिश करेंगे, तो मध्यम वर्ग को उनका हक जरूर मिलेगा।”