मेरठ- भारतीय जनता पार्टी 2024 में उत्तर प्रदेश में ‘मिशन 80’ के चाहे जितने भी दावे कर ले लेकिन निकाय चुनाव के परिणाम पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए खतरे की घंटी के रूप में सामने आए हैं और वह भी तब, जबकि इन इलाकों में केंद्र में 2 और उत्तर प्रदेश में 6 मंत्री मौजूद हैं।
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में 2024 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के प्रति आश्वस्त होने के साथ-साथ प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत का लगातार दावा करती रही है। राजनीतिक समीक्षक भी 2024 में मोदी सरकार के तीसरी बार लौटने की संभावनाओं से फिलहाल इंकार नहीं करते हैं, ऐसे में निकाय चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता का सबब बन गए हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ और सहारनपुर मंडल में नगर निगम की 3 सीटों के अलावा नगर पालिका और नगर पंचायत की 90 सीट हैं, जिनमें से 64 भारतीय जनता पार्टी हार गई है, ऐसा परिणाम तब आया है ,जब इन दोनों मंडलों से केंद्र में दो मंत्री, गाजियाबाद में जनरल वीके सिंह और मुजफ्फरनगर में डॉक्टर संजीव बालियान जैसे कद्दावर नेता मौजूद हैं।
इन दोनों मंडलों में प्रदेश सरकार में भी 6 नेता मंत्री हैं, जिनमें मुजफ्फरनगर से कपिल देव अग्रवाल ,सहारनपुर से जसवंत सैनी और बृजेश सिंह ,मेरठ से सोमेंद्र गुर्जर और दिनेश खटीक, बागपत से के.पी.मलिक शामिल है, ऐसी स्थिति में भी भारतीय जनता पार्टी 90 में से 64 नगर निकायों में हार चुकी है।
पश्चिमी यूपी को भाजपा के लिए मजबूत माना जाता रहा है,मुज़फ्फरनगर में दंगे के बाद ही बीजेपी केंद्र और प्रदेश में सत्ता तक पहुंची भी है। इसे लेकर पार्टी में आलाकमान स्तर पर समीक्षा हो रही है।
सहारनपुर की 11 में से नगर निगम के अलावा केवल 3 सीट, मुजफ्फरनगर की 10 नगर पालिका और नगर पंचायत में से केवल एक, शामली में 10 में से दो, गाजियाबाद में नगर निगम के अलावा 8 में से एक, मेरठ में भी नगर निगम के अलावा 15 में से चार, बागपत में से 9 में से एक, हापुड़ में 4 में से 2, बुलंदशहर में 17 में से नौ और गौतम बुध नगर में 6 में से केवल 3 सीट भारतीय जनता पार्टी जीत पाई है।
नगर निगम के चुनाव में प्रदेश में भाजपा एक तरफ़ा रही है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 2 मंडलों में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका लगा है, उससे पार्टी के आलाकमान की पेशानी पर बल पड़े हैं और पार्टी इस हार की समीक्षा कर रही है। नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पिछले चार बार से जीतती रही मुज़फ्फरनगर की बुढ़ाना की सीट भी इस बार हार गई है वहीं इस लोकसभा की जानसठ सीट भी भाजपा के हाथ से निकल गई हैं। मुज़फ्फरनगर लोकसभा की 5 में से चार विधानसभा भी बीजेपी हार चुकी है जिससे मुजफ्फरनगर लोकसभा में भी भाजपा की चिंताएं बढ़ गई है।