Monday, December 23, 2024

हिंदुत्व पर भारी पड़ी जाति और मुस्लिमों की लामबंदी

महोबा। बुंदेलखंड के हमीरपुर महोबा लोकसभा सीट पर हिंदुत्व पर जातीय गोलबंदी और मुसलमानों की लामबंदी हावी दिखी है। इंडी गठबंधन बुंदेलखंड में मुसलमान का भरोसा जीतने में सफल रहा। संसदीय सीट पर कांटे के मुकाबले में आखिरकार भाजपा प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा है। गठबंधन के सपा प्रत्याशी ने भाजपा प्रत्याशी को 2629 मतों के अंतर से हरा दिया है।

देश में एनडीए का आंकड़ा सरकार बनाने लायक बहुमत से आगे निकल गया है। भाजपा भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लेकिन आंकड़े बता रहे हैं जातीय गोलबंदी और मुस्लिम लामबंदी हिंदुत्व पर भारी पड़ी है। लोकसभा चुनाव के इतिहास में गठबंधन के प्रत्याशी अजेंद्र सिंह राजपूत को मिली जीत अब तक के सबसे कम अंतरों से हुई जीत में शामिल हो गई है।

हमीरपुर महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 54.34 प्रतिशत वोट मिले थे। सपा को 22.4 प्रतिशत और बसपा को 20.04 प्रतिशत मत हासिल हुए थे। जबकि 2019 के चुनाव में भाजपा को 52.77 प्रतिशत और सपा बसपा के गठबंधन को 29.96 प्रतिशत मत मिले थे।कांग्रेस पार्टी को मात्र 10.51 प्रतिशत मतों से ही संतोष करना पड़ा था। इस बार 2024 के चुनाव में भाजपा को 43.81 प्रतिशत ही वोट मिला है। गठबंधन से सपा उम्मीदवार को 44.04 प्रतिशत मत मिले। बसपा को 8.5 प्रतिशत मत ही हासिल हुए हैं।

जनपद मुख्यालय निवासी पंडित वीरेंद्र कुमार शुक्ला का कहना है कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास के नारे पर आई मोदी सरकार के कामकाज पर संविधान और आरक्षण पर विपक्ष का शोर हावी रहा है। अयोध्या में श्री राम का मंदिर बनने के बाद भी वहां पर हार, इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

जनपद मुख्यालय के मुहाल गांधीनगर निवासी राजाराम का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को यह चुनावी नतीजे आत्ममंथन की सलाह दे रहे हैं जो कि भाजपा के लिए बहुत जरूरी है। कहीं न कहीं प्रत्याशियों की अलोकप्रियता भी सीटें घटने की वजह बनी हैं।

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