दमोह। देश भर में आज लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत हो रहे मतदान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर जबर्दस्त हमला बोलते हुए कहा कि जिंदगी भर हिंदुओं के खिलाफ अदालत की लड़ाई लड़ने वाले ‘अंसारी परिवार’ के सदस्य श्री राममंदिर ट्रस्ट के निमंत्रण पर राम मंदिर आए, पर वोट बैंक की राजनीति करने वाले विपक्ष ने इसका निमंत्रण ठुकरा दिया।
मोदी मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के दमोह में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने दमोह से सटे निवाड़ी जिले के ओरछा का संदर्भ देते हुए कहा कि ओरछा राम राजा सरकार की नगरी है। राम राजा सरकार की धरती, बुंदेलखंड की धरती देख रही है कि कांग्रेस वाले कैसे हमारी आस्था का अपमान कर रहे हैं। सनातन को डेंगू-मलेरिया बता रहे हैं। अयोध्या के राममंदिर के विरोधी हैं और श्री राम की पूजा को पाखंड बता रहे हैं। बुलाने के बाद भी अयोध्या नहीं आते और निमंत्रण ठुकरा देते हैं। ये सब वे वोट बैंक की राजनीति के लिए करते हैं।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि अयोध्या में एक अंसारी परिवार है, जो दो पीढ़ी से हिंदुओं के खिलाफ अदालत में जंग लड़ रहा है। अंसारी परिवार बाबरी मस्जिद के पक्ष में लड़ा, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के पक्ष में निर्णय आया तब इतने साल की लड़ाई के बाद भी उन्होंने उस निर्णय का स्वागत किया। जब राम मंदिर का शिलान्यास हुआ, तब राम मंदिर ट्रस्ट ने सबको निमंत्रण दिया। इस निमंत्रण पर इकबाल अंसारी स्वयं आए। प्राण प्रतिष्ठा में भी ट्रस्ट ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन की तरह अंसारी परिवार को भी निमंत्रण दिया। इकबाल अंसारी जीवन भर हिंदुओं के खिलाफ कोर्ट में लड़ते रहे, पर प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में वे खुशी से आए और उसके हिस्सेदार बने। एक तरफ एक छोटे से व्यक्ति इकबाल अंसारी का व्यवहार देखिए और दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं का व्यवहार देखिए।