Wednesday, October 23, 2024

पश्चिम एशिया में शांति स्थापना को लेकर मोदी की ईरानी राष्ट्रपति के साथ ‘गहरी’ चर्चा

कज़ान – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन के बीच आज यहां हुई पहली द्विपक्षीय मुलाकात में पश्चिम एशिया में टकराव को रोकने एवं शांति वार्ता की आवश्यकता के बारे में “काफी गहरी” बातचीत हुई।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रधानमंत्री श्री मोदी की रूस यात्रा के पहले दिन की गतिविधियों की जानकारी देेने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ईरान के राष्ट्रपति श्री पेज़ेशकियन के बीच यह पहली मुलाकात थी। श्री मोदी ने डॉ. पेज़ेशकियान को इस्लामी गणतंत्र ईरान के 9वें राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर बधाई दी।

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प्रधानमंत्री ने उन्होंने ब्रिक्स परिवार में ईरान का भी स्वागत किया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। ईरान ने ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन में ईरान की सदस्यता के लिए भारत के सहयोग की सराहना की।

उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह के दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार देते हुए, दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास और मध्य एशिया के साथ व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए इसके महत्व की पुष्टि की। हालांकि चाबहार बंदरगाह को लेकर कुछ ढांचागत एवं रसद के मुद्दे लंबित हैं। उन्होंने चाबहार को ईरान से होकर रूस के लिए व्यापार के मार्ग के रूप में अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन कॉरीडोर (आईएनएसटीसी) से जोड़ने के बारे में भी चर्चा की।

विदेश सचिव के अनुसार दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया की स्थिति सहित क्षेत्रीय गतिविधियों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने संघर्ष के बढ़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की और स्थिति को नियंत्रित एवं टकराव को कम करने के लिए भारत के आह्वान को दोहराया। प्रधानमंत्री ने नागरिकों की सुरक्षा और संघर्ष को सुलझाने में कूटनीति की भूमिका पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, “भारत एवं ईरान के बीच शांतिवार्ता को लेकर काफी गहरी बातचीत हुई है। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि वह शांतिवार्ता/ शांति स्थापना के पक्ष में है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से ही शांति का पक्षधर रहा है। उन्होंने पश्चिम एशिया के छह सात नेताओं के नाम गिनाते हुए कहा कि उनकी इन नेताओं से लगातार बात हो रही है और सभी चाहते हैं कि टकराव समाप्त हो और बातचीत हो।” उन्होंने कहा कि भारत यह भूमिका हमेशा निभाता रहा है और आगे भी निभाता रहेगा।”

विदेश सचिव ने बताया कि दोनों नेता ब्रिक्स और एससीओ सहित विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर अपना सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पेज़ेशकियान को शीघ्र भारत आने का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति पेजेशकियन ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया।

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