नयी दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नौ वंदे भारत ट्रेनों के शुभारंभ को आधुनिक कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व अवसर बताया और कहा कि देश में बुनियादी ढांचे के विकास की यह गति एवं पैमाना 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से बिल्कुल मेल खाते हैं।
श्री मोदी ने आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 12 राज्यों को रेल संपर्क के माध्यम से कनेक्टिविटी देने वाली नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखायी। इन ट्रेनों में उदयपुर- जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस , तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस , हैदराबाद-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस , विजयवाड़ा-चेन्नई (रेनिगुंटा के रास्ते) वंदे भारत एक्सप्रेस , पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस , कासरगोड-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत एक्सेप्रेस , राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस , रांची-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस और जामनगर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल है।
इस मौके पर श्री मोदी ने कहा कि 25 वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लोगों की सेवा में है। आज इसमें नौ और वंदे भारत ट्रेनों को जोड़ा जा रहा है और वो दिन दूर नहीं, जब वंदे भारत देश के हर हिस्से को कनेक्ट करेगी। उन्होंने कहा कि ये वंदे भारत ट्रेनें नये भारत के नए उत्साह का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों में 1.11 करोड़ से अधिक लोगों ने सफर किया है और इसके प्रति उत्साह बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वंदे भारत उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो समय बचाना चाहते हैं और एक ही दिन में यात्रा करना चाहते हैं।
उन्होंने देश में आशा और विश्वास के माहौल को रेखांकित करते हुए कहा कि हर नागरिक देश की उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने चंद्रयान 3 , आदित्य एल1 और जी-20 की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि ने भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता की ताकत को प्रदर्शित किया है। उन्होंने नारीशक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख करते हुए इसे महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक निर्णायक क्षण बताया। इस संबंध में उन्होंने कहा कि कई रेलवे स्टेशनों को महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा संचालित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मविश्वास से भरा भारत अपने वर्तमान और भविष्य की जरूरतों पर एक साथ काम कर रहा है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास में निर्बाध समन्वय के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान और परिवहन और निर्यात से संबंधित शुल्कों में कमी के लिए नई लॉजिस्टिक पॉलिसी को सूचीबद्ध किया। उन्होंने मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के बारे में भी बात की क्योंकि परिवहन के एक साधन को अन्य साधनों का समर्थन करने की आवश्यकता होती है। यह सब आम नागरिकों के लिए यात्रा की सुगमता में सुधार के लिए है।
भारतीय रेल के कायापलट के लिए मौजूदा सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बजट में वृद्धि की जानकारी दी। रेलवे के लिए इस वर्ष का बजट 2014 के रेल बजट से आठ गुना अधिक है। इसी तरह दोहरीकरण, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर काम चल रहा है। उन्होंने जोर दिया कि विकसित होने के पथ पर अग्रसर भारत को अब अपने रेलवे स्टेशनों का भी आधुनिकीकरण करना होगा। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए देश में पहली बार रेलवे स्टेशनों के विकास और आधुनिकीकरण का अभियान शुरू किया गया है। वर्तमान में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए रिकॉर्ड संख्या में फुट ओवर ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर का निर्माण किया जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही देश के 500 से ज्यादा बड़े स्टेशनों के पुनर्विकास का काम शुरू किया गया था। अमृत काल के दौरान बनाये गये इन स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन कहा जायेगा और आने वाले दिनों में ये स्टेशन नये भारत की पहचान बनेंगे।
प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कि रेलवे ने रेलवे स्टेशन की स्थापना का ‘स्थापना दिवस’ मनाना शुरू कर दिया है और अब रेलवे स्टेशनों का जन्मदिन मनाने की इस परंपरा को और विस्तार दिया जायेगा तथा अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा। उन्होंने कोयंबटूर, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और मुंबई में ऐसे समारोहों का उल्लेख
किया।
प्रधानमंत्री ने मेहनती रेलवे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उनसे यात्रियों के लिए हर यात्रा को यादगार बनाने को आह्वान किया और कहा कि रेलवे के प्रत्येक कर्मचारी को यात्रा को सुविधाजनक बनाने और यात्रियों को अच्छा अनुभव प्रदान करने के लिए लगातार संवेदनशील रहना होगा।उन्होंने कहा , “मुझे विश्वास है कि भारतीय रेलवे और समाज में हर स्तर पर हो रहे बदलाव विकसित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।”
दूसरी तरफ जिन राज्यों के लिए वंदे भारत ट्रेनों का आज शुभारंभ हुआ , वहां भी इस अवसर पर समारोहों का आयोजन किया किया।