रियो डि जनेरियो – भारत एवं इटली ने अपनी द्विपक्षीय रणनीतिक साझीदारी को गति देने के लिए पंचवर्षीय दस सूत्रीय कार्ययोजना को मंजूरी दी है जिसमें राजनीतिक, रक्षा एवं सुरक्षा, कनेक्टिविटी, आर्थिक सहयोग, नवान्वेषण, अंतरिक्ष एवं सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने की रूपरेखा शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के बीच कल यहां हुई द्विपक्षीय बैठक में भारत इटली संयुक्त रणनीतिक कार्ययोजना 2025-29 को स्वीकृति प्रदान की।
विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी और इटली की प्रधान मंत्री सुश्री मेलोनी ने भारत इटली रणनीतिक साझीदारी की अद्वितीय क्षमता को पहचानते हुए इसे और गति देने का फैसला किया है। इस उद्देश्य के लिए, कार्ययोजना में इटली और भारत ने सरकार के प्रमुखों, विदेश मामलों, व्यापार और रक्षा मंत्रियों के बीच
नियमित आधार पर राजनीतिक संवाद बढ़ाने, परिवहन, कृषि उत्पाद और मशीनरी, रासायनिक-फार्मास्यूटिकल्स, लकड़ी और फर्नीचर, महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग और कोल्ड चेन, हरित प्रौद्योगिकी और संधारणीय गतिशीलता जैसे उच्च क्षमता वाले क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग एवं निवेश बढ़ाने, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के
संदर्भ में टिकाऊ परिवहन पर सहयोग को बढ़ावा देने के साथ ही भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) के ढांचे में समुद्री और भूमि अवसंरचना में सहयोग बढ़ाने तथा समुद्री और बंदरगाह क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर सहयोग का विस्तार करने का एजेंडा शामिल है।
इसके अलावा कार्ययोजना में दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सेवाओं के डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों में प्रौद्योगिकी मूल्य श्रृंखला साझेदारी को मजबूत करने, भारत-इटैलियन इनोवेशन और इनक्यूबेशन एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने, इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी (एएसआई) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच सहयोग का विस्तार
करने, सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करने, एक-दूसरे के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के ज्ञान को बढ़ावा देने और औद्योगिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘तकनीकी शिखर सम्मेलन’ आयोजित करने, फिनटेक, एडुटेक, स्वास्थ्य सेवा, लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला, एग्रीटेक, चिप डिजाइन और हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने, दोनों रक्षा
मंत्रालयों के बीच एक रक्षा औद्योगिक रोडमैप पर बातचीत करना और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) और एयरोस्पेस, रक्षा और सुरक्षा के लिए इतालवी उद्योग संघ (एआईएडी) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को प्रभावी ढंग से लागू करने, साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में नियमित आदान-प्रदान
और क्षमता निर्माण गतिविधियों के माध्यम से सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने, सुरक्षित और कानूनी प्रवासन चैनलों को बढ़ावा देना, साथ ही निष्पक्ष और पारदर्शी श्रम प्रशिक्षण और भर्ती प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के साथ ही सांस्कृतिक सहयोग के क्रम में दोनों देशों के विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग और आदान-प्रदान बढ़ाने, साथ ही तकनीकी
और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, संग्रहालयों के बीच साझीदारी की स्थापना के माध्यम से आपसी ज्ञान को गहरा करने के लिए प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक पहलों को बढ़ावा देने के अलावा अपने-अपने देशों में फिल्म सह-निर्माण और फिल्म निर्माण को बढ़ाने पर काम करने की बात कही गयी है।