रायपुर। पंच एवं सरपंच से राजनीति की शुरूआत करने वाले आदिवासी नेता विष्णुदेव साय ने आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली।उनके साथ दो उप मुख्यमंत्रियों अरूण साव एवं विजय शर्मा ने भी शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस मौके पर मौजूद थे।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने राजधानी के साइंस कालेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में साय को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवायी।राज्यपाल ने इसके उपरान्त दो उप मुख्यमंत्रियों अरूण साव एवं विजय शर्मा को भी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवायी।सभी ने ईश्वर के नाम पर हिन्दी में शपथ ली।
इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह,भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा,उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ,असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा,उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत,केन्द्रीय राज्यमंत्री राम दास अठावले,निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री टी.एस.सिंहदेव तथा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह,भाजपा के राज्य प्रभारी ओम माथुर के अलावा राज्यभर से बड़ी संख्या में आए भाजपा कार्यकर्ता एवं समर्थक भी मौजूद थे।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए तीन विशाल मंच बनाए गए थे,जिसमें बीच के मंच में शपथ ग्रहण हुआ तथा एक ओर अतिविशिष्ट आमंत्रित व्यक्तियों तथा दूसरी ओर नवनिर्वाचित विधायकों के लिए मंच बनाया गया था। शपथ ग्रहण को ज्यादा से ज्यादा लोग देख सके इसके लिए एल.ई.डी.स्क्रीन भी लगायी गई थी।
साय राज्य के चौथे तथा भाजपा के दूसरे मुख्यमंत्री हैं।मध्यप्रदेश को विभाजित कर नवम्बर 2000 में आस्तित्व में आए इस राज्य में इससे पहले स्वं अजीत जोगी,डा.रमन सिंह एवं भूपेश बघेल मुख्यमंत्री रहे है।डा.रमन सिंह लगातार तीन कार्यकाल मुख्यमंत्री रहे है।भाजपा ने पहली बार राज्य में उप मुख्यमंत्री बनाए है।
राज्य में हुए चुनावों में 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 54 सदस्य चुने गए है।भाजपा ने चौथी बार राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया।पार्टी ने इस चुनाव को बगैर किसी को मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किए लड़ा था।गत रविवार को साय को पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की पार्टी पर्येवेक्षकों केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एवं सर्वानंद सोनोवाल,पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम के अलावा पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर,सह प्रभारी केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया एवं सह प्रभारी नितिन नबीन की उपस्थिति में हुई बैठक में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया था।