Sunday, May 5, 2024

मेडिकल कॉलेज पुणे को राष्ट्रपति का निशान प्रदान करेंगी मुर्मु

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नयी दिल्ली। राष्ट्रपति और तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मु शुक्रवार को सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) पुणे को उसके प्लैटिनम जुबली वर्ष में राष्ट्रपति का निशान प्रदान करेंगी।

एएफएमसी प्रमुख सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) प्रतिष्ठान है। यह देश के अग्रणी मेडिकल कॉलेजों में से एक है। यह पुरस्कार राष्ट्र के प्रति एएफएमसी की 75 वर्षों की शानदार और अनुकरणीय सेवा का प्रमाण है।

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राष्ट्रपति इस अवसर पर एक भव्य समारोह में विशेष कवर और डाक टिकट तथा स्मारक सिक्का भी जारी करेंगी। राष्ट्रपति आर्म्ड फोर्सेज सेंटर फॉर कम्प्यूटेशनल मेडिसिन, प्रजना का ई-उद्घाटन भी करेंगी, जिससे एएफएमसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान करने वाले अग्रणी वैश्विक संस्थानों के क्लब में शामिल हो जायेगा।

यह कार्यक्रम एएफएमसी के कैप्टन देवाशीष शर्मा कीर्ति चक्र परेड ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा। इस औपचारिक परेड के मुख्य आकर्षणों में से एक सेना, नौसेना और वायु सेना में सेवारत सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा कर्मियों की चार टुकड़ियों का नेतृत्व करने वाली महिला चिकित्सा अधिकारी होंगी, जो एएफएमएस में महिलाओं के अधिक से अधिक सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।

एएफएमसी, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में चिकित्सा शिक्षा का स्रोत है, जो अपने लोकाचार और चिकित्सा प्रशिक्षण के उच्चतम मानकों के लिए पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस कॉलेज का असाधारण प्रशिक्षण और प्रशासनिक बुनियादी ढांचा न केवल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा शिक्षा प्रदान कराता है, बल्कि अपने विभिन्न खेलों और पाठ्येतर गतिविधि क्लबों के माध्यम से मेडिकल कैडेटों के समग्र विकास के अवसर भी उपलब्ध कराता है। इस प्रतिष्ठित संस्थान से निकलने वाले मेडिकल कैडेटों को सेना, नौसेना और वायु सेना में कमीशन दिया जाता है। एक अधिकारी और एक डॉक्टर के रूप में कर्मठतापूर्वक कार्य करते हुए, उन्होंने न केवल हमारे गौरवशाली राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों और विदेशी मिशनों में तैनात कर्मियों बल्कि उनके परिवारों की भी स्वास्थ्य देखभाल संबंधी जरूरतों का हमेशा ही अनुकरणीय रूप से पूरा किया है।

प्रेसिडेंट्स कलर को ‘राष्ट्रपति का निशान’ भी कहा जाता है, जो किसी सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस शानदार समारोह में केंद्र और राज्य सरकारों तथा सशस्त्र बलों के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी शामिल होंगे। पूर्व निदेशक एवं कमांडेंट तथा पूर्व डीन और डिप्टी कमांडेंट सहित अन्य सेवानिवृत्त अधिकारी भी इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे।

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