मुजफ्फरनगर- जिले में प्रशासनिक निरंकुशता का एक दुखद नजर सामने आया है,पिछले कई साल से नदी पर पुल की मांग कर रहे किसानों ने समस्या का समाधान न होने पर स्वतंत्रता दिवस का पर्व नदी में खड़े होकर मनाया और वहीं झंडा रोहण किया, जिसके बाद नदी में खड़े होकर विरोध में सत्याग्रह शुरू कर दिया,जिसके चलते कई किसानों की हालत भी बिगड़नी शुरू हो गई और किसानों में गुस्सा बढ़ना शुरू हो गया, जिसके बाद देर रात अफसर जागे और मान मनोव्वल करके सत्याग्रह खत्म कराया।
स्वतंत्रता दिवस पर मुजफ्फरनगर जिले में भी सैंकड़ों जगह तिरंगा फहराया गया लेकिन ज़िले में एक स्थान पर ध्वजारोहण का नजारा सामान्य नहीं था। थाना चरथावल क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हिंडन नदी मे ध्वजारोहण और राष्ट्रगान कर स्वतंत्रता दिवस मनाया।
दरअसल, पिछले कई सालों से सिकंदरपुर गांव में हिंडन नदी पर पुल बनवाने की मांग की जा रही है। पुल न होने से यहां के स्थानीय लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। लोगों को आवाजाही में रुकावट पैदा होती है। खासकर महिलाओं और किसानों को अपने पशुओं का चारा लाने के लिए गहरे पानी में उतरना पड़ता है। हिंडन नदी पर पुल बनवाने की मांग को लेकर किसान कई बार धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं। बावजूद इसके उन्हें शासन-प्रशासन से कोई आश्वासन नहीं मिला। अपनी इस मांग पर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए किसानों ने पानी में उतरकर स्वतंत्रता दिवस मनाया।
किसान नेता विकास शर्मा ने कहा कि हमने हिंडन नदी पर पुल के निर्माण के लिए एक साल पहले आंदोलन किया था। लेकिन अभी तक पुल का निर्माण नहीं कराया गया है। हमारी माताओं, बहनों और किसान भाइयों को नदी में उतर कर दूसरे छोर पर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को हमारी समस्या से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। हमने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नदी में उतरकर ध्वजारोहण किया। इस मौके पर हम सब लोगों ने संकल्प लिया है कि जब तक पुल का निर्माण नहीं कराया जाएगा, तब तक हम लोग अनिश्चित काल के लिए नदी में ही खड़े रखकर सत्याग्रह करेंगे।
किसानों ने सत्याग्रह शुरू किया तो ज़िले के अफसरों ने कोई ध्यान ही नहीं दिया, केवल नायब तहसीलदार जैसे अफसर ही किसानों से मिलने गए , देर रात जब पानी में किसानों की तबियत ख़राब होने लगी और किसान संगठनों में नाराजगी बढ़ने लगी तो एसडीएम सदर निकिता शर्मा और सीओ सदर राजकुमार राव मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाबुझाकर नदी से बाहर निकाला।
किसान नेता विकास शर्मा ने अफसरों से कहा कि अफसर सालों से मीठी गोली ही दे रहे है जिस पर निकिता शर्मा ने कहा कि अब आपको मीठी गोली देने की बात खत्म हो गयी है जिसके बाद किसानों ने अपना सत्याग्रह खत्म कर दिया। जिसके बाद विकास शर्मा व कुछ अन्य किसानों की हालत ख़राब होने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया पड़ा है।