मुजफ्फरनगर। जनपद में वर्ष 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे से पहले 30 अगस्त 2013 को शहीद चौक पर हुई सभा में भड़काऊ भाषण सहित विभिन्न आरोपों से मुक्त करने की पूर्व सांसद कादिर राणा की अर्जी कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 31 जुलाई को तलब करते हुए आरोप तय करने का आदेश जारी किया है। इस मामले में पूर्व सांसद कादिर राणा सहित 10 आरोपी हैं।
उल्लेखनीय है कि विगत 27 अगस्त 2013 को थाना जानसठ क्षेत्र के गांव कवाल में तीन हत्याओं के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। 30 अगस्त 2०13 को शहर कोतवाली क्षेत्र के शहीद चौक खालापार में एक सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पूर्ण सांसद कादिर राणा, पूर्व गृहराज्यमंत्री सईदुज्जमां, पूर्व विधायक नूरसलीम राणा, पूर्व विधायक मौलाना जमील, सलमान सईद, एडवोकेट असद जमा सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था। शहर कोतवाली पुलिस ने विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
घटना के मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन एमपी-एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेंद्र सिंह फौजदार कर रहे हैं। गुरुवार को बचाव पक्ष की ओर से लगाई गई अभियुक्तों को आरोपमुक्त करने की अर्जी पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। आरोपियों को आरोप तय करने के लिए 31 जुलाई को तलब किया गया है।
गुरुवार को पूर्व विधायक मौलाना जमील, असद ज़मा एडवोकेट, सुल्तान मुशीर, नौशाद कुरैशी, हाजी एहसान कोर्ट में पेश हुए, जबकि पूर्व सांसद क़ादिर राणा और सईदुज़ज्मा, नूरसलीम राणा, सलमान सईद, मुशर्रफ कुरैशी आदि की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया गया।