मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में सेशन जज एडीजे-3 गोपाल उपाध्याय ने चार्जशीट मे नामजद 9 आरोपियों को क़त्ल का दोषी माना है। यह मामला जनपद शामली के थाना कैराना में वर्ष 2006 का हैं। यहां पर नरेंद्र नाम क़े एक व्यक्ति की हत्या मंदिर प्रांगण में हुई थी और रवि, प्रकाश चंद, वेद प्रकाश घायल हुए थे।
एफआईआर में 9 अभियुक्तो सुभाष, संजय, रमेश, कमल, रमन, रामकुमार, जुगमेंद्र, अमरनाथ, देवेंद्र को नामजद किया गया था, जबकि एक अभियुक्त की ट्रायल क़े दौरान मौत हो गयी थी। हत्या की तहरीर थाना कैराना में दी गयी थी, इसमें देवी मंदिर तालाब क़े अंदर घुसकर हत्या की जाने की बात कही थी। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 9 नमाजद आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में काफ़ी साक्ष्य ऐसे थे, जो इस घटना की सत्यता को स्पष्ट कर रहे थे। इस मामले में 8 गवाह पेश हुए थे। मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट 3 के समक्ष हुई, जहां वादी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद ने न्यायालय को बताया कि इस घटना की सत्यता को लेकर पूरी स्पष्टता है।
वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद की जबरदस्त पैरवी के चलते आठ आरोपियों को दोषी करार दिया गया। सेशन न्यायालय 3 गोपाल उपाध्याय ने दोनों पक्षों की कानूनी बहस सुनने के बाद 8 आरोपियों को दोषी करार कर दिया । इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट में 9 आरोपियों को नामजद किया था, जिसमें एक राय होकर क़त्ल करना बताया गया था। इस मामले में पुलिस द्वारा धारा 3०2, 3०7 व अन्य धाराओं मे चार्जशीट दाखिल की गई थी। न्यायालय में मजबूत पैरवी के चलते मृतक परिवार को इंसाफ दिलाने में कामयाब रहे। अदालत ने 8 आरोपी को दोषी करार कर दिया है।
इस मामले का एक क्रॉस केस भी दर्ज हुआ था, जिसमें राजकुमार शर्मा, उमेश, रामअवतार, वेदप्रकाश व नरेन्द मुल्जि़म बनाए गए थे, जिसमे वादी पक्ष का कहना था कि नामजद लोगों नें हमें मंदिर मे पूजा करने से रोका, ज़ब हमने कारण पूछा, तो इन नामजद आरोपियों नें हम पर तमंचो छुरी व सरियों से हमला कर दिया, जिसमे जुगमेंद्र, रामकुमार, रमेशचंद व पदमसेन घायल हो गए थे, इसमें भी ट्रायल क़े दौरान 8 गवाह पेश हुए थे, न्यायालय नें दौरान बहस सभी 4 आरोपियों को हमले क़े आरोपों से बरी कर दिया, एक आरोपी नरेंद्र की ट्रायल के दौरान मौत हो गयी थी।