Monday, December 23, 2024

जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से मुजफ्फरनगर के गुड को मिला जी आई टैग

 

मुजफ्फरनगर। जनपद में ओ0डी0ओ0पी के अंतर्गत जिला प्रशासन ने गुड को चयनित किया था। जिसके बाद से ही जिला प्रशासन द्वारा गुड को जी आई टैग प्राप्त कराने हेतु अथक प्रयास किए जा रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप  आज जिलाधिकारी अरविन्द मल्लपा बंगारी द्वारा बताया गया कि जनपद के गुड को जी आई टैग प्राप्त हो चुका है। जिसके बाद जनपदवासी अपने गुड़ की मिठास को पूरे भारत में पहुंचा सकते हैं।

आइए जानते हैं जी आई टैग क्या है?

यदि सरल शब्दों में समझें तो जी.आई टैग एक प्रकार की मोहर है जो किसी भी प्रोडक्ट के लिए प्रदान की जाती है। इस मुहर के प्राप्त हो जाने के बाद पूरी दुनियां में उस प्रोडक्ट को विशेष महत्व प्राप्त हो जाता है। साथ ही साथ उस क्षेत्र को सामूहिक रूप से इसके उत्पादन का एकाधिकार प्राप्त हो जाता है। लेकिन इसके लिए शर्तें हैं कि उस वस्तु का उत्पादन या प्रोसेसिंग उसी क्षेत्र में होना चाहिए, जहां के लिए टैग किया जाना है।

जनपद के गुड को प्राप्त जी आई टैग की महत्ता- जी.आई.टैग (भौगोलिक संकेत) मुजफ्फरनगर की समृद्ध संस्कृति और सामूहिक बौद्धिक विरासत का हिस्सा बनेगा। मुजफ्फरनगर गुड़ का जी.आई.टैग गुणवत्ता का आश्वासन देता है। गुड़ का जी.आई.टैग दर्शाता है कि यह गुड़ उत्पाद मुजफ्फरनगर से आता है। इस अधिकार का लाभ समुदाय/ सामुदायिक संघ और रजिस्टर्ड उपयोगकर्ताओं को मिलेगा। मुजफ्फरनगर गुड़ का जी.आई.टैग बाजार के दायरे को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इससे निर्यात और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह अप्रत्यक्ष रूप से सतत विकास की ओर जायेगा। जी.आई.टैग मिलने के बाद अन्य लोगों द्वारा इसका अनधिकृत प्रयोग रूक जायेगा। यह मुजफ्फरनगर भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित गुड़ प्रोडक्ट्स के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा मिलने के साथ ही गरीब किसानों और कामगारों को भी संरक्षण प्राप्त होगा। इससे सबसे निचले स्तर के लोग भी लाभान्वित होंगे, जबकि ज्यादातर अन्य पहल में लाभ ग्रास रूट लेवल पर नहीं मिल पाता। जी.आई.टैग गुड़ को बढ़ावा देकर एक आशा बहाल कर सकता है। इससे गन्ना कृषक और कृषि दोनों का विकास सम्भव है। जी.आई.टैग गुणवत्तापूर्ण गुड़ का उत्पादन सुनिश्चित करेगा। स्थानीय गुड़ की घरेलू बाजार के साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भी कीमतों मे वृद्धि होगी। इस तरह निर्यात में भी वृद्धि होगी।

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