मुजफ्फरनगर- देश में 9 साल और प्रदेश में 6 साल से सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री को मुजफ्फरनगर में आकर इतनी शर्म आई कि वह अपनी जबान पर जिले का नाम भी लेने में संकोच करते हैं।
कृषि एवं पशु प्रदर्शनी में दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रुप में आए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज मुजफ्फरनगर में विवादास्पद बयान दिया है, हालांकि स्थानीय सांसद और केंद्र में ही राज्य मंत्री संजीव बालियान ने इस बारे में बहुत संयमित प्रतिक्रिया दी है ।
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने मुज़फ्फरनगर में विवादित बयान दिया है। उन्होंने मुजफ्फरनगर बोले बिना कहा कि वह यहां का ‘नाम’ भी नहीं लेना चाहते। उन्होंने कहा कि यह धरती किसानों की राजधानी है, लेकिन यह उचित नहीं कि वह इसका नाम भी बोलें। उन्होंने आगे कहा कि यहां का नाम बदल देना चाहिए। अंग्रेजों से देश को आजाद होने के 75 वर्ष बाद भी यहां मुगलों की निशानी बाकी है।
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नुमाइश मैदान में चल रहे दो दिवसीय पशु प्रदर्शनी और कृषि मेले में पहुंचे थे। समापन समारोह में उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह जिला किसानों की राजधानी है। उन्होंने सवाल पूछा
कि इस शहर का नाम क्या है ? लोगों ने जवाब में मुजफ्फरनगर बोला। तो उन्होंने कहा कि वह इसका नाम लेना भी उचित नहीं समझते। उन्होंने कहा कि वे बोल भी नहीं सकते कि वह किस शहर में आए हैं। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इस शहर का नाम बदल देना चाहिए।
इसके बाद उन्होंने पंडाल में मौजूद लोगों से जय श्रीराम का नारा लगवाया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि अच्छा नहीं लगता कि इस शहर का नाम लिया जाए। इस मंच पर वैज्ञानिक और महिलाएं भी मौजूद हैं, जो सम्मानीय हैं। किसानों के बगैर देश की कल्पना संभव नहीं है, जब किसानों की चर्चा करता हूं तो लाल बहादुर शास्त्री का नाम लिए बगैर नहीं रह सकता। लाल बहादुर शास्त्री को देश का कौन किसान याद करना नहीं चाहेगा।
उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब लाल बहादुर शास्त्री का घर बन गया था। क्षेत्र के किसानों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री ने काफी कार्य किया। उन्होंने कहा कि 60 के दशक में जब लाल बहादुर शास्त्री अमेरिका गए, तो तुरंत ही देश लौटने की बात कही थी।
इस अवसर पर भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान, मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल, ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर, जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, विधायक राजपाल बालियान, विधायक अनिल कुमार, अशोक बालियान, सुभाष चौधरी, दिलशाद पहलवान भी मौजूद रहे।
केंद्र में पिछले 9 और उत्तर प्रदेश में पिछले साल 6 साल से भारतीय जनता पार्टी सत्तासीन है, ऐसे में यदि मुजफ्फरनगर के नाम पर भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री को कोई आपत्ति है तो सरकारी गजट जारी करके इसका नाम बदलवा सकते थे लेकिन उन्होंने एक सरकारी कार्यक्रम में मुजफ्फरनगर में ही एक मुजफ्फरनगर बोलने पर भी शर्म व्यक्त की जिस पर पंडाल में मौजूद लोगों में तीखी प्रतिक्रिया दिखाई दी।
हालांकि जब बाद में पत्रकारों ने पशु और कृषि प्रदर्शनी के आयोजक और जनपद के सांसद डॉ संजीव बालियान से इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो डॉक्टर बालियान ने बहुत संयमित प्रतिक्रिया दी, उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर सबसे राय करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री कह के गए हैं, पर मैं अभी इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर सकता, सभी की राय से ही इस पर कोई फैसला किया जा सकता है।