Friday, November 22, 2024

नगा, कुकी, मैतेई – मणिपुर की सभी 34 जनजातियों को एक साथ रहना चाहिए : सीएम बीरेन सिंह

इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य में सभी 34 जनजातियों के लोगों को एक साथ रहना होगा और सावधान रहना होगा कि बाहरी लोग राज्य की शांति और जनसांख्यिकीय स्थिति को परेशान न करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर एक छोटा राज्य है, जहां मैतेई, कुकी और नागा सहित सभी 34 जनजातियों को एक साथ रहना पड़ता है।

उन्‍होंने कहा, “कुछ लोग बहुत पहले आए, कुछ लोग मूल निवासी हैं, कुछ बाद में आए लेकिन हमें सभी को सावधान रहना होगा कि बाहर से लोग यहां न आएं और यहां न बस जाएं ताकि कोई जनसांख्यिकीय असंतुलन न हो।“

बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने की कोशिश के एक दिन बाद कहा, “जब तक मैं मुख्यमंत्री हूं, मैं मणिपुर को विभाजित करने या अलग प्रशासन की अनुमति नहीं दूंगा। मैं मणिपुर की अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए बलिदान दूंगा।“

मुख्यमंत्री ने किसी भी राजनीतिक दल और बाहरी तत्वों का नाम लिए बिना कहा, “हम मणिपुर हिंसा में बाहरी तत्व का हाथ होने से इनकार नहीं कर सकते।”

उन्होंने कहा कि हिंसा में राजनीतिक हाथ स्पष्ट है, क्योंकि भाजपा कार्यालय पर हमले की कोशिश की गई।

उन्होंने कहा कि ये हमले जनता ने नहीं किए, ये राजनीतिक इरादे से किए गए। जो लोग ऐसे संकट में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करेंगे उन्हें भगवान कभी माफ नहीं करेंगे। किसी को भी मानव जीवन के साथ राजनीति नहीं करनी चाहिए…।”

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दो दिवसीय दौरे का जिक्र करते हुए कहा, ”राहुल गांधी को राजनीति करने के बजाय शांति बहाल करने का प्रयास करना चाहिए। उनकी यात्रा का यह उचित समय नहीं था।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार शांति बहाली के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है।

उन्‍होंने कहा, “दिन की शुरुआत में मैंने हमारे कुकी भाइयों और बहनों से टेलीफोन पर बात की। आइए, माफ करें और भूल जाएं, मेल-मिलाप करें और हमेशा की तरह साथ रहें।“

मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार म्यांमार में उथल-पुथल के मद्देनजर सीमा पार से आने वाले लोगों की जांच और पहचान का सत्यापन करने की कोशिश करेगी और स्थिति में सुधार होने पर उन्हें उनके देश वापस भेज देगी।”

सिंह ने कहा कि वह राज्य में हिंसा के मद्देनजर कुछ लोगों की टिप्पणियों से आहत थे और इसके चलते उन्हें इस्तीफा लिखना पड़ा, हालांकि जब उन्होंने लोगों को सड़कों पर देखा और उनका अपने प्रति भरोसे का अहसास हुआ तो उन्होंने इस्तीफा देने से परहेज किया।

उन्होंने कहा, “जनता के विश्वास के बिना कोई व्यक्ति नेता नहीं बन सकता। मुझे अच्छा लग रहा है कि जब मैं (सीएम बंगले से) बाहर निकला तो सड़कों पर भारी भीड़ थी। वे रोये और मुझ पर भरोसा जताया। हजारों पुरुषों और महिलाओं ने मुझसे इस्तीफा न देने के लिए कहा। अगर वे मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। अगर वे मुझसे ऐसा न करने को कहें तो मैं ऐसा नहीं करूंगा।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय