मेरठ। सोमवार को राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी चीन में खेले गए एशियाई खेलों में पदक जीतकर वापस लौटे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए मेरठ मेट्रो सिटी में पहुंचे। उन्होंने कहा है कि मैं अपनी सांसद निधि भारत के खिलाड़ियों को दे रहा हूं। क्योंकि उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए बजट की कमी है। उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी और ज्यादा पदक जीतकर ला सकते थे, यदि इन्हें समुचित सुविधा दी जाती तो एशियाई खेलों में भारतीय पदकों की संख्या कहीं अधिक होती। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग राज्य की मांग पर कहा है कि यह बात करने का टाइम नहीं बल्कि अलग प्रदेश के गठन की घोषणा का वक्त है। वही एशियाई खेलों में सोना जीत कर लाये खिलाड़ियों के घर पहुंच कर मुलाकात करते हुए जयंत चौधरी ने अनु रानी और पारुल चौधरी का उत्साह वर्धन किया।
रालोद मुखिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए मैं अपनी सांसद निधि खिलाड़ियों पर ही खर्च कर रहा हूं। वह इसलिए कि उत्तर प्रदेश सरकार के पास खिलाड़ियों के लिए बजट की कमी है। रालोद सुप्रीमो ने कहा है कि हाल ही में संपन्न हुए एशियाई खेलों में भारत के खिलाड़ी और अधिक पदक जीतकर ला सकते थे। बशर्ते सरकार की ओर से उन्हें खेलों की समुचित सुविधाएं दी जाती। मध्य प्रदेश में चुनाव के टिकटों के बंटवारे पर रालोद मुखिया ने कहा है कि राज्य की मुख्य पार्टी की अधिक टिकटों की हकदार है। उन्होंने पूछा की क्या राजस्थान और अन्य प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी अपने घटक दलों को अधिक सीट दे सकेगी। हरियाणा के दुष्यंत चौटाला भाजपा की सरकार में शामिल है लेकिन क्या राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी दुष्यंत चौटाला को सीटें दे रही है। इससे पूर्व मेरठ पहुंचे रालोद मुखिया का पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा गर्म जोशी के साथ माल्यार्पण करते हुए स्वागत किया गया।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान द्वारा उठाए गए अलग पश्चिम प्रदेश के मुद्दे पर जयंत चौधरी ने कहा है कि यदि ईमानदारी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गठन किया जाता है तो इसके लिए पब्लिक की नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री को अपने घर यानी पार्टी के लोगों की पंचायत करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री पहले अपने घर को दुरुस्त करें इसके बाद वह अलग प्रदेश की मांग उठाएं। रालोद मुखिया ने कहा है कि यह समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग राज्य गठन की चर्चा का नहीं बल्कि इसे बनाने का टाइम है। भारतीय जनता पार्टी के पास इसके लिए पर्याप्त बहुमत भी है और केंद्र में उसकी सरकार भी है। अलग प्रदेश की मांग को चुनावी झुनझुना बनाने की बजाय इसके गठन की घोषणा किया जाना महत्वपूर्ण है।