रांची। झारखंड में हत्या, फायरिंग, विस्फोट, आगजनी, पुलिस पर हमला, रंगदारी वसूली, थ्रेट कॉल जैसे कुल 51 आपराधिक मामलों में वांटेड नक्सली दो लाख का इनामी कृष्णा यादव चार साल बाद आखिरकार फिर पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। उसे रांची पुलिस की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार किया है। वह वर्ष 2021 में लातेहार जिले के बालूमाथ थाना में पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। फरार रहने के दौरान भी उसने कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया था। रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) में उसका ओहदा एरिया कमांडर का था। वह झारखंड पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था।
हाल में रांची के मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन साइट पर मुंशी भूपेंद्र यादव की हत्या में उसकी संलिप्तता थी। इसके पास से एक देशी कार्बाइन, पिस्टल, जिंदा कारतूस समेत अन्य सामान बरामद किए गए हैं। कृष्ण यादव वर्ष 2014 में पीएलएफआई से जुड़ा था और वर्तमान में वह इस प्रतिबंधित संगठन की स्टेट कमेटी का भी सदस्य है। वह जमीन कारोबारी, क्रशर मालिक, ईंट भट्ठा मालिक और विकास कार्य में लगे ठेकेदारों से रंगदारी के रूप में मोटी रकम वसूलता रहा है। रकम नहीं देने पर कंस्ट्रक्शन साइट्स जाकर आगजनी, तोड़फोड़, फायरिंग और हत्या जैसी कई घटनाएं उसके इशारे पर अंजाम दी गई हैं।
बताया गया कि पुलिस को कृष्णा यादव के लोहरदगा जिले के कुड़ू में छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके आधार पर एक टीम का गठन किया गया और कुड़ू में छापेमारी की गई। हालांकि, पुलिस के आने से पहले कृष्ण यादव वहां से फरार होने में सफल हो गया। इसके बाद पुलिस को फिर इनपुट्स मिले कि वह मैक्लुस्कीगंज इलाके में छिपा हुआ है। इसके बाद पुलिस टीम ने छापेमारी कर कृष्णा यादव को धर दबोचा। पुलिस गिरफ्त में आने के बाद उसने एक बार फिर भागने की कोशिश की और इस दौरान पथरीली जगह पर गिर गया। इससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया है।