नई दिल्ली। केंद्र सरकार की स्वायत्त शीर्ष संस्था ‘राष्ट्रीय सुशासन केंद्र’ (एनसीजीजी) ने मालदीव के 1000 सिविल सेवकों को प्रशिक्षण देने की उपलब्धि आज हासिल कर ली। एनसीजीजी के विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में इन सिविल सेवकों के लिए आयोजित 32वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम में 40 शिक्षाविद् ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन 5 फरवरी से 9 फरवरी के बीच किया गया।
कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग के शनिवार को जारी बयान के मुताबिक, 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान एनसीजीजी और मालदीव के सिविल सेवा आयोग के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें पांच वर्ष में मालदीव के एक हजार सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण गतिविधियों की परिकल्पना की गई थी। कोविड-19 महामारी के कारण आए व्यवधान के बावजूद इस अवधि में यह उपलब्धि हासिल कर ली गई।
क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में स्थायी सचिवों, महासचिवों, उप स्थायी सचिवों, भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों, मालदीव के सूचना आयोग के अधिकारियों के अलावा विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ सिविल सेवकों ने हिस्सा लिया।