गाजियाबाद। एनसीआरटीसी को 25 सितंबर 2024 को बर्लिन, जर्मनी में आयोजित यूआईसी सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट अवार्ड्स 2024 में निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए सर्वश्रेष्ठ ट्रांजिट पुरस्कार और वैश्विक प्रविष्टियों के बीच ओवरऔल विनर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट फाउंडेशन के सहयोग से इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) द्वारा प्रस्तुत ये प्रतिष्ठित पुरस्कार, सस्टेनेबिलिटी और इनोवेटिव सार्वजनिक पारगमन प्रणालियों के लिए एनसीआरटीसी द्वारा किए जा रहे कार्यों को मान्यता प्रदान करता है।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने परिवहन प्रौद्योगिकी के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले, इनोट्रांस 2024, में इन पुरस्कारों को प्राप्त किया। ये पुरस्कार यूआईसी के 2030 के “बेहतर भविष्य का डिज़ाइन” दृष्टिकोण और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप हैं, जो वैश्विक रेलवे क्षेत्र में स्थिरता के लिए एनसीआरटीसी द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान की सराहना करते हैं।
यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) द्वारा सतत विकास फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित की जाती है। इसका उद्देश्य वैश्विक रेलवे क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित करना और प्रदर्शित करना है, जिसमें सस्टेनिबिलटी पर विशेष जोर दिया जाता है। इस वर्ष की प्रतियोगिता में 15 देशों से 17 फाइनलिस्ट प्रोजेक्ट शामिल थे, जिनमें कोरिया रेलरोड कॉर्पोरेशन, ईस्ट जापान रेलवे कंपनी, डीबी कार्गो ग्रुप (जर्मनी), एमट्रैक नेशनल रेलरोड पैसेंजर कॉर्पोरेशन (संयुक्त राज्य अमेरिका), एसएनसीबी असिस्ट-नेशनल रेलवे कंपनी ऑफ बेल्जियम, रेलवे फ्रॉम इटली सहित कई प्रतिष्ठित वैश्विक रेलवे निगमों ने भाग लिया।
आरआरटीएस नौ सस्टेनेबल डेव्लपमेंट गोल्स (SDG) में सहयोग करता है, जिनमे जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों हैं। इस परियोजना से निजी वाहनों से सार्वजनिक परिवहन की ओर के बदलाव को प्रोत्साहित करके, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से सालाना 250,000 टन वाहनों के उत्सर्जन के कम होने की उम्मीद है, जिससे पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।
एनसीआरटीसी द्वारा आरआरटीएस परियोजना में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करते हुए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाता है, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कटौती के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। एनसीआरटीसी, राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत अगले पांच वर्षों में आरआरटीएस स्टेशनों की छतों और डिपो पर 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की योजना पर कार्य कर रहा है, जिससे प्रणाली की सस्टेनेबिलिटी और भी बढ़ेगी।