पटना। बिहार की राजधानी पटना में विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर आक्रोशित एनडीए का एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राजभवन जाकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया गया।
ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा द्वारा बिहार विधान सभा मार्च के दौरान शांतिपूर्ण जुलूस पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की गई, जिसमें भाजपा के जहानाबाद के जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह की मृत्यु भी हो गई। गांधी मैदान से निकले शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे मार्च पर डाक बंगला चौराहा से पहले पुलिस ने लाठी बरसाना शुरू कर दिया। इसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं, सांसदों एवं विधायकों को गंभीर चोट आई और वे पटना के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। कई कार्यकर्ताओं की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि चार्जशीटेड उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का इस्तीफा, सरकार के द्वारा 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा और शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए कई दिन पूर्व विधान सभा मार्च का निर्णय लिया था। इसी क्रम में यह मार्च निकाला गया था। आगे कहा गया है कि राज्य में प्रशासनिक अराजकता चरम पर है। हत्या लूट, अपहरण की घटनायें रोज हो रही है। सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार से आम जन परेशान है।
ज्ञापन में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री ही राज्य के गृह मंत्री हैं। उनके गठबंधन के साथी उपमुख्यमंत्री चार्जशीटेड हैं, उन्हीं को हटाने के लिए मार्च आयोजित था। इन्हीं दोनों के इशारे पर पुलिस एवं प्रशासन द्वारा बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की गई, जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बेहद निराशाजनक एवं दुखद है। पुलिस की बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज एवं विजय सिंह की हत्या की जिम्मेदारी तय करने के बजाय राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन इस हत्या कांड की लीपापोती करने में लगी है।
ज्ञापन के अंत में अनुरोध किया गया है कि इस पूरे मामले की जांच पटना उच्च न्यायालय के सीटिंग जज या सीबीआई से कराने का आदेश दिया जाय। प्रतिनिधिमंडल में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोजपा के सांसद प्रिंस कुमार भी शामिल रहे।