नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में मिलावट पर बड़ा खुलासा हुआ है। प्रसाद में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि हुई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
एनडीडीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति मंदिर में लडडूओं का प्रसाद तैयार किया जाता है, उसमें बीफ की चर्बी, जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला है। ये सब कुछ उस घी में मिला है, जिससे लड्डू तैयार किया जाता है। हैरान करने वाली बात यह है कि प्रसाद के तौर इन लड्डुओं को ना सिर्फ श्रद्धालुओं को बांटा गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया जाता रहा।
बीते दिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने विधायक दल की बैठक में यह आरोप लगाया था कि पिछली वाईएसआरसीपी के नेतृत्व वाली जगनमोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति के श्रीवेंकटेश्वर मंदिर में पवित्र प्रसाद लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया। उन्होंने कहा था कि पिछले पांच सालों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमला की पवित्रता को कलंकित करने का काम किया। हालांकि, वाईएसआरसीपी ने उनके इन दावों को सिरे से नकार दिया था। इस खुलासे के बाद आंध्र प्रदेश की सियासत में तूफान खड़ा हो गया है।
आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”चंद्रबाबू नायडू की यह टिप्पणी कि उन्होंने सीएम के रूप में लड्डू प्रसादम में घी के बजाय पशु तेल का इस्तेमाल किया, तिरुमाला की पवित्रता और प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक है। करोड़ों हिंदुओं के आराध्य देव वेंकटेश को कलंकित किया है। हम सीएम चंद्रबाबू नायडू से मांग करते हैं। यदि आपके आरोपों में कोई राजनीतिक आयाम नहीं है, यदि भावनाओं का राजनीतिकरण करने का आपका कोई इरादा नहीं है, तुरंत एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करें।
या फिर सीबीआई से जांच कराएं।” तिरुपति मंदिर हिंदुओं के लिए पवित्र स्थानों में माना जाता है। सभी हिंदुओं की इच्छा होती है कि एक बार तिरुपति मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें और वहां का प्रसाद जरूर ग्रहण करें। बता दें कि तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू चढ़ाया जाता है। जिसका संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थान यानी टीटीडी करता है।