नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वाहनों की आवाजाही और पार्किंग को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ऑफ ट्रैफिक को नोटिस जारी किया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जाड़े की शुरुआत हो गई है और 23 अक्टूबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 364 दर्ज किया गया। मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी।
एनजीटी ने कहा कि वायु गुणवत्ता में गिराकट के पीछे प्रशासन की नाकामी है। एनजीटी ने इस बात पर गौर किया कि वाहनों का उत्सर्जन वायु प्रदूषण का बड़ा हिस्सा है और ट्रैफिक को नियंत्रित करने और पार्किंग के मसले समेत पुराने वाहनों पर प्रतिबंध पर अमल करने की जिम्मेदारी पुलिस की है। ऐसे में दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ऑफ ट्रैफिक को नोटिस जारी कर उनका पक्ष जानना जरुरी है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि उन्होंने जमीनी स्तर पर वाहनों के आवागमन और पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण कानूनों का प्रभावी तरीके से पालन कराने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम की ओर से फील्ड स्टाफ की मजबूत तैनाती हो और उनके कामों की मानिटरिंग सक्षम अधिकारियों द्वारा किया जाए। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वो प्रदूषण की जांच करने के लिए मोबाइल ऐप का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार करें। एनजीटी ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को निर्देश दिया कि वे जनवरी से लेकर सितंबर तक वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाये गए कदमों की जानकारी दें।