गाजियाबाद। गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर तक गंगनहर पटरी (कांवड़ यात्रा मार्ग) चौड़ीकरण के लिए काटे जा रहे 1.12 लाख पेड़ों की जांच के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने हाईपॉवर कमेटी बना दी है।
इस कमेटी में पर्यावरण निदेशक, सीनियर साइंटिस्ट, DM मेरठ और यूपी के चीफ सेक्रेटरी हैं। ये कमेटी जांच करेगी कि परमिशन की आड़ में ज्यादा क्षेत्र में पेड़ काटे गए हैं अथवा नहीं। NGT में इस केस की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी।
1.12 लाख पेड़ काटने की मिली थी परमिशन गंगनहर पटरी गाजियाबाद के मुरादनगर से प्रारंभ होती है और रुड़की में जाकर निकलती है। इस पटरी का चौड़ीकरण किया जाना है। इसके लिए मुरादनगर से पुरकाजी (मुजफ्फरनगर) तक 1 लाख 12 लाख पेड़ों का कटान कार्य शुरू हो गया है।
बताया जा रहा है कि NGT ने सिर्फ 15 मीटर चौड़ाई क्षेत्र में पेड़ काटने की अनुमति दी थी, लेकिन इसकी आड़ में 30 मीटर तक पेड़ों का कटान हुआ है।
आपको बता दें कि मेरठ के सरधना क्षेत्र से सपा विधायक अतुल प्रधान ने ये मुद्दा NGT में पहुंचाया। 9 अगस्त को NGT कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई। इसमें गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर के DFO व मेरठ के SDO और रेंजर मौजूद रहे। NGT ने चार वरिष्ठ लोगों की कमेटी बना दी है, जो जांच रिपोर्ट देगी।
NGT में इस केस की सुनवाई अब 16 सितंबर को होगी। बता दें कि इसी हफ्ते गंगनहर पटरी पर पेड़ कटान की जांच करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह आए थे।
उन्होंने गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर तक का दौरा किया। उन्होंने माना कि कुछ पेड़ गलत तरीके से काटे गए हैं। उन्होंने अफसरों को चेतावनी भी दी थी कि कार्रवाई के लिए तैयार रहना।