पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मंगलवार शाम बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक से लौट आए, लेकिन मीडिया से बातचीत किए बिना अपने आवास के लिए रवाना हो गए।
बताया जा रहा है कि हवाईअड्डे से बाहर निकलते समय नीतीश कुमार खुश नहीं दिख रहे थे और उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत नहीं की और सीधे मुख्यमंत्री आवास चले गए।
उसी फ्लाइट से लौटे लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने भी मीडियाकर्मियों से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन के लिए ‘इंडिया’ नाम से खुश नहीं हैं। इसके अलावा, बेंगलुरु की सड़कों पर उन पर हमला करने वाले पोस्टर भी उन्हें आपत्तिजनक लगे।
बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी बिहार के महागठबंधन के नेता शामिल नहीं हुए।
कथित घटनाक्रम के बाद भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि करोड़ों गरीब लोग भारत के साथ हैं और नाम बदलने से उत्पाद की गुणवत्ता नहीं बदलेगी।
मोदी ने दावा किया, “लालू प्रसाद, जो चारा घोटाले में दोषी हैं, चिटफंड घोटाले में शामिल ममता बनर्जी जैसी दागी नेता बेंगलुरु में इकट्ठे हुए थे। नाम बदलने का मतलब यह नहीं है कि नकली सामान सोना बन जाता है।”
उन्होंने आरोप लगाया, “सबसे बड़ा अपमान नीतीश कुमार का था। उन्हें संयोजक घोषित नहीं किया गया। इससे वह नाराज हो गए और बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए। नीतीश विरोधी पोस्टर बेंगलुरु में भी लगाए गए, जहां कांग्रेस सत्ता में है। यह उनके लिए एक स्पष्ट संदेश था।”
मोदी ने कहा, ”23 जून को पटना में बैठक के दौरान आपसी विवाद के कारण अरविंद केजरीवाल भी कार्यक्रम स्थल से चले गए थे। वे 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देने में विफल रहेंगे।”