Friday, November 22, 2024

ईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर CM अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि केजरीवाल को कोर्ट में पेश होना होगा। कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केजरीवाल से कहा कि आप पहले देश के नागरिक हैं। आपके नाम से समन जारी हुआ तो आपको पेश होना चाहिए। तब केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसी तरह संजय सिंह और मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया। केजरीवाल एक आम अपराधी नहीं हैं। वे कहां भागकर जाएंगे। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इस मसले पर वे जवाब दाखिल करेंगे। उसके बाद कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

16 मार्च को राऊज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने इस मामले में केजरीवाल को जमानत दी थी। इसके पहले एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से जारी समन को केजरीवाल ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। सेशंस कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। उसके बाद केजरीवाल 16 मार्च को कोर्ट में पेश हुए थे।

ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें की है। सात फरवरी को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की पहली शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। दिल्ली आबकारी घोटाला के मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। संजय सिंह की जमानत याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट खारिज कर चुका है। संजय सिंह की जमानत याचिका हाई कोर्ट भी खारिज कर चुका है, जिसके बाद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी है। सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है।

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