मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहाकांड में आंदोलनकारियों से फर्जी हथियार बरादमगी के मामले में कोर्ट में गवाह पेश न होने के कारण सुनवाई स्थगित हो गयी। अगली सुनवाई केलिए 16 अक्टूबर की तिथि नियत की गई है। मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन मयंक जायसवाल की कोर्ट में चल रही है।
1 अक्टूबर 1994 की रात पृथक राज्य की मांग के लिए दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों से रामपुर तिराहे पर पुलिस का टकराव हो गया था। पुलिस द्वारा की गयी फायरिंग में सा आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। महिलाओं से छेड़छाड़ व दुष्कर्म की घटनाएं भी सामने आई थी। घटना के बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों की गाड़ियों की तलाशी लेकर भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद दिखाए थे।
सीबीआई ने इस मामले में विवेचना कर हथियारों की बरामदगी को फर्जी दिखाते हुए झिंझाना के तत्कालीन थाना प्रभारी ब्रज किशोर समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन मंयक जयसवाल की कोर्ट में चल रही है। मंगलवार को इस मामले में गवाह के पेश न होने के कारण सुनवाई स्थगित हो गई। अगली सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तारीख नियत की गई है।