लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले में स्थित अष्टभुजा देवी मंदिर और कालीखोह मंदिर के दर्शन के लिए पीपीपी मॉडल पर रोप-वे सेवा शुरू कर दी गई है। इससे विन्ध्याचलधाम आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को दर्शन करने में आसानी होगी। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
पर्यटन मंत्री सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर स्थानीय लोंगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा राज्य सरकार को आय भी प्राप्त होगी। भविष्य में रोप-वे सेवा की लोकप्रियता एवं सफलता को देखते हुए पर्यटन की दृष्टि से अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर चरणबद्ध रूप से रोप-वे सेवा शुरू करायी जाएगी। विन्ध्याचलधाम पौराणिक एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्षभर श्रद्धालुओं का यहां आना-जाना लगा रहता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रसिद्ध मंदिरों के आसानी से दर्शन के लिए रोप-वे सेवा की शुरुआत की गई है। इससे वृद्ध श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी।
मंत्री ने बताया कि अष्टभुजा मंदिर के दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 60 रुपये तथा कालीखोह मंदिर के लिए 40 रुपये का भाड़ा निर्धारित किया गया है। रोप-वे की सेवा प्रातः 07ः30 बजे से सूर्यास्त तक उपलब्ध होगी। यह दोनों स्थान विंध्य त्रिकोण यात्रा के अंतर्गत आते हैं। श्रद्धालुओं के यात्रा की सुविधा के लिए समस्त इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सुरक्षित यात्रा की विशेष व्यवस्था की गई है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रदेश के प्रमुख शहरों- आगरा, मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज में हेलीपोर्ट की सुविधा शुरू किए जाने पर काम किया जा रहा है। विन्ध्याचल में रोप-वे शुरू करने के बाद बरसाना और प्रयागराज में भी रोप-वे की सेवा शुरू की जाएगी। चित्रकूट में रोप-वे की सेवा पहले से ही संचालित है। बाकी शहरों में यह सेवा क्रमिक रूप से शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को एडवेंचर टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। हेलीपोर्ट एवं वॉटर स्पोर्ट का कार्य प्रगति पर है। पर्यटन संबंधी गतिविधियां बढ़ने से पर्यटन सेक्टर में रोजगार के साथ ही राजस्व अर्जन भी बढ़ेगा।