मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर गौशाला,नदी रोड स्थित श्री मदनानंद वानप्रस्थ आश्रम में सात दिवसीय श्री मद्भागवत कथा के पांचवें दिन की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण के भजनों से हुई ।श्री वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य श्री धर्मेन्द्र उपाध्याय जी महाराज ने पांचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, माखन चोरी तथा गोवर्धन पूजा की कथा श्रद्धालुओं को सुनाई।
आचार्य धर्मेंद्र उपाध्याय ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो, तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैंने माखन नहीं खाया।
कथा व्यास आचार्य धर्मेंद्र उपाध्याय जी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण अपनी सखाओं और गोप-ग्वालों के साथ गोवर्धन पर्वत पर गए थे। वहां पर गोपिकाएं 56 प्रकार का भोजन रखकर नाच गाने के साथ उत्सव मना रही थीं। कृष्ण के पूछने पर उन्होंने बताया कि आज के ही दिन देवों के स्वामी इंद्र का पूजन होता है। इसे इंद्रोज यज्ञ कहते हैं। इससे प्रसन्न होकर इंद्र व्रज में वर्षा करते हैं, जिससे प्रचुर अन्न पैदा होता है। भगवान कृष्ण ने कहा कि इंद्र में क्या शक्ति है।
उनसे अधिक शक्तिशाली तो हमारा गोवर्धन पर्वत है। इसके कारण ही वर्षा होती है, अत: हमें इंद्र से बलवान गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए। बहुत विवाद के बाद श्री कृष्ण की यह बात मानी गई और व्रज में गोवर्धन पूजा की तैयारियां शुरू हो गईं। इस दौरान श्रद्धालु भक्ति के सागर में मंत्रमुग्ध दिखे।