Wednesday, November 6, 2024

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बंगाल सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए

कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 24 घंटे के भीतर पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई आवश्यक कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने ‘रात्तिर के साथी’ नामक नई सरकारी गाइडलाइन के तहत इन सुरक्षा उपायों की शुरुआत कर दी है।

राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने शुक्रवार को एक पत्रकार सम्मेलन में बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। इसके 24 घंटे के भीतर ही स्वास्थ्य भवन ने आवश्यक कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ‘रात्तिर के साथी’ नामक नई सरकारी गाइडलाइन के तहत इन सुरक्षा उपायों की शुरुआत कर दी है।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे रेजिडेंट डॉक्टर सुरक्षित रूप से काम कर सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य सचिव ने विस्तार से बताया कि सुरक्षा के तहत अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों के कमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उनके लिए अलग शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है और कैंपस के सभी क्षेत्रों में प्रकाश की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा अस्पताल के कैंपस और होस्टल में अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड तैनात किए जा रहे हैं, जिनमें महिला सुरक्षा गार्ड भी शामिल होंगी।

डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों की घोषणा के साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से अपने काम पर लौटने की अपील भी की। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भी देशभर के आंदोलनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की थी। स्वास्थ्य सचिव ने राज्य के आंदोलनकारी डॉक्टरों से कहा, “रेजिडेंट डॉक्टर हमारी स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। उनकी अनुपस्थिति से स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं। खासकर सरकारी अस्पतालों पर निर्भर गरीब लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। वरिष्ठ डॉक्टर हर जगह सेवा दे रहे हैं लेकिन रोगियों की संख्या के अनुपात में यह सेवा पर्याप्त नहीं है।”

आंदोलनकारी डॉक्टरों के लिए संदेश देते हुए स्वास्थ्य सचिव ने कहा, “हमने आपकी मांगें मान ली हैं। 21 अगस्त को आंदोलनकारी डॉक्टरों के प्रतिनिधियों के साथ हमारी बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने जो भी मांगें रखी थीं, उन्हें पूरा किया गया है। आर.जी. कर के प्रिंसिपल और सुपरिंटेंडेंट को बदल दिया गया है। छाती रोग विभाग के प्रमुख और असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट को भी हटा दिया गया है। आर.जी. कर में नए प्रिंसिपल और सुपरिंटेंडेंट को नियुक्त किया गया है। वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए भी एक जांच टीम का गठन किया गया है। इसलिए अब डॉक्टरों से अनुरोध है कि वे अपने काम पर लौटें।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय