Saturday, December 14, 2024

पश्चिमी यूपी के डेढ़ हज़ार कारोबारी जीएसटी जांच में फंसे, आईटीसी में हड़प लिए करोड़ों रुपये

मुरादाबाद। कथित तौर पर हेराफेरी कर जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में करोड़ों रुपये हड़प लेने के मामले में डेढ़ हजार कारोबारी फंस गए हैं। यह आरोपित कारोबारी मुरादाबाद और पश्चिमी यूपी के आसपास के जिलों के साथ ही गाजियाबाद, दिल्ली में भी अपना कारोबार कर रहे हैं।

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सेंट्रल जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर नवीन खत्री ने बताया कि मुरादाबाद में भी जीएसटीएन प्राप्त करने वाली फर्मों का सघन रूप से भौतिक सत्यापन किया गया है। कथित फर्जी जीएसटीएन धारक फर्मों से माल प्राप्त करने वाली फर्मे संदेह के दायरे में आ गई हैं। उनसे आईटीसी की रिकवरी सुनिश्चित की जाएगी।

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भौतिक सत्यापन के बाद जीएसटी में अपंजीकृत पाए गए मुरादाबाद के पचास कारोबारियों से माल प्राप्त करने के चलते उन्हें फर्जी तौर से आईटीसी का लाभ लेने का आरोपित माना गया है और हड़पे गए आईटीसी को उनसे वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सेंट्रल जीएसटी की तरफ से शुरू किए गए देशव्यापी जांच अभियान में आईटीसी का यह फर्जीवाड़ा सामने आया है।

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सेंट्रल जीएसटी विभाग ने मुरादाबाद समेत देशभर में कथित तौर पर फर्जी जीएसटीएन (पंजीयन) धारक कारोबारियों के विरुद्ध सघन अभियान शुरू किया है। जिसके अंतर्गत सेंट्रल जीएसटी के मुरादाबाद जोन में पंजीयन कराने वाले कारोबारियों की सघन जांच की गई। उनका भौतिक सत्यापन कराया। जिसमें पचास कारोबारियों के व्यापार स्थल का भौतिक सत्यापन नहीं होने के चलते उनका जीएसटीएन फर्जी पाया गया।

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इन कारोबारियों से माल प्राप्त करने वाले सभी कारोबारी संदेह के दायरे में आ गए। सेंट्रल जीएसटी के मुरादाबाद जोन की ओर से की गई आरंभिक जांच में अब तक करीब डेढ़ हजार ऐसे कारोबारी मिले हैं जिन्होंने अपंजीकृत साबित हुए कारोबारियों से माल प्राप्त किया था।

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एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के कुछ महीनों बाद इसमें काफी बड़ा घपला सामने आया। जिसकी जांच के लिए बड़े स्तर पर मुहिम चलाई गई। मुहिम के तहत मुरादाबाद के ढाई सौ निर्यातक रिस्की श्रेणी में लाए गए। आरोप था कि कई जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा किए बिना उन्होंने कथित तौर से फर्जी तरीके से रिफंड हासिल कर लिया।

 

बड़ी संख्या में निर्यातकों को रिस्की सूची से बाहर आने के लिए काफी बड़ी धनराशि टैक्स के रूप में चुकानी पड़ी। सघन जांच में सोलह निर्यातक अंतिम रूप से पाए अनियमितता के दोषी गए थे। जीएसटी के तहत अनियमिताओं पर पूर्ण रोक के लिए देशभर में सघन जांच का दूसरा चरण आरंभ किया गया है। जिसमें फर्जी जीएसटीएन को रोकने पर विशेष फोकस किया गया है।

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