नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने मंगलवार को वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि हम इस बिल पर आपत्ति जताते हुए इसे संसदीय समिति में भेजने की मांग करते हैं। बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “देश के विभिन्न हिस्सों और राज्यों की अपनी अलग पहचान और आस्थाएं हैं। मणिपुर, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों की अपनी विशेषताएं और आकांक्षाएं हैं, जो इस बिल से प्रभावित हो सकती हैं। कांग्रेस इसे देश की विविधता को एकरूप बनाने की कोशिश मानती है, जो देश की वास्तविकताओं और विभिन्न राज्यों के हितों के खिलाफ है।”
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उन्होंने आगे कहा, “यह बिल राज्य की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचाएगा और देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों की अलग-अलग आकांक्षाओं और जरूरतों को नकारेगा।” इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के उस तर्क को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि इसे लागू किए जाने से धन की बचत होगी। कांग्रेस सांसद ने कहा, “ऐसा कुछ भी नहीं है, यह सिर्फ भाजपा का दोहरा मापदंड है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
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भाजपा हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में एक ही दिन चुनाव करवाने की बात करती है, जबकि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कई बार चुनाव करवाती है। यह भाजपा का दोहरा मापदंड है। बीजेपी जो कहती है, वह करती नहीं।” बता दें कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लागू करने के लिए कम से कम छह बिल लाने होंगे। केंद्र सरकार को संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। एनडीए को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में साधारण बहुमत हासिल है। लेकिन, केंद्र सरकार के लिए सदन में दो तिहाई बहुमत हासिल करना चुनौती भरा हो सकता है।