नई दिल्ली। केंद्र की मोदी कैबिनेट ने बुधवार को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को मंजूरी दे दी है। इसको लेकर केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा सरकार के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर कहा कि “वन नेशन, वन इलेक्शन होना ही चाहिए था।
1967 तक विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ हुए थे। काफी सारी वजहें हैं, जिसके लिए ये होना चाहिए। ” मांझी ने आगे बताया कि “देश में चुनाव के कारण नौ महीने तक आचार संहिता लगे रहने के कारण विकास के कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है। दूसरी बात अलग-अलग चुनाव होने से लुटेरों को बूथ लूटने का अलग-अलग समय मिलता था, लॉ एंड ऑर्डर खराब होता था। खास तौर पर दलित मतदाताओं को लोग कई जगह वोट नहीं देने देते थे। लेकिन जब ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ आएगा तो बूथ की लूट नहीं होगी।” उन्होंने आगे कहा कि “वन नेशन-वन इलेक्शन का काम पहले ही होना चाहिए था, लेकिन अब समय का तकाजा है कि इसको लागू कर दिया जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही सब काम करने वाले हैं, अब ये काम भी उन्होंने किया है। इसके लिए उनको धन्यवाद।” जीतन राम मांझी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, “हर वर्ष किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश हमेशा चुनावी मोड में रहता है। इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भारी बोझ भी पड़ता है। ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ से दलित मतदाताओं को भी सुविधा होंगी। अब वोट के लुटेरों का राज नहीं चलेगा।”
दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को पहले ही सौंप दी थी। इसमें सुझाव दिए गए हैं कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने चाहिए। इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि निकाय चुनाव को भी लोकसभा और राज्य विधानसभा के संपन्न होने के बाद जल्द ही कराया जाए।