नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन और ऑफलाइन लाटरी टिकट पर लगने वाले जीएसटी पर अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि लॉटरी पर केवल राज्य सरकार ही टैक्स लगा सकती, केन्द्र द्वारा सर्विस टैक्स नहीं लगाया जा सकता है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये फैसला सुनाया।
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि वह सर्विस टैक्स लगाने की हकदार है। सुप्रीम कोर्ट ने सिक्किम हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें कहा गया था कि लॉटरी सट्टेबाजी और जुआ की श्रेणी में आती है जो राज्य सूची की प्रविष्टि 62 है और केवल राज्य सरकार ही कर लगा सकती है।