मेरठ। ऑपरेशन कन्विक्शन में एक 65 वर्षीय महिला की हत्या के करीब दस साल पुराने मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी विनय कुमार ने पति-पत्नी को दोषी करार देते हुए है आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस बारे में जानकारी देते हुए थाना जानी प्रभारी प्रजन्त त्यागी ने बताया कि 7 मई 2014 को थाना जानी में कृपाली (65) नाम की महिला की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। घटना के संबंध में मृतका के भाई वीर सिंह पुत्र सुख सिंह निवासी ग्राम बाफर थाना जानी मेरठ द्वारा मृतका के बेटे लोकेश पुत्र धर्मपाल और उसकी पत्नी के खिलाफ हत्या की तहरीर दी थी।
जिसके आधार पर आरोपी अभियुक्तों के खिलाफ मु0अ0सं0-262/2014 धारा 302 भादवि पंजीकृत हुआ था। बाद में अभियुक्तों लोकेश व रेनू उपरोक्त को गिरफ्तार कर साक्ष्य संकलन करते हुए अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र अन्तर्गत धारा 302/34 भादवि द्वारा आरोप पत्र संख्या-241/14 दिनांक 12 सितम्बर 2014 को न्यायालय में प्रेषित किया गया। Meerut News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा से हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं में आक्रोश, फूंका पुतला Meerut News: भाकियू की आर-पार की लड़ाई की तैयारी,नौ को किसान ट्रैक्टरों का काफिला पहले पीटा, फिर गला घोंटकर मार डाला…।
अफेयर से नाराज भाई की खौफनाक करतूत Also Read – Meerut News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा से हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं में आक्रोश, फूंका पुतला उक्त अभियोग को जनपद स्तर पर घटित जघन्य अपराधों की श्रेणी में चिहिन्त करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मेरठ के कुशल निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक, अपराध/नोडल अधिकारी मॉनीटरिंग सेल के निकट पर्यवेक्षण में अभियोग में थानाध्यक्ष जानी प्रजन्त त्यागी तथा शासकीय अधिवक्ता के0के0 चौबे एवं आरक्षी पैरोकार कांस्टेबल अभिषेक चौहान व कोर्ट मौहिर्रर हे0का0 राहुल कुमार के द्वारा न्यायालय में अभियोग की लगातर सशक्त प्रभावी पैरवी करते हुए साक्षियों को न्यायालय के समक्ष समय से प्रस्तुत किया, जिसके फलस्वरूप आज न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी-1 विनय कुमार द्वारा विचाराधीन अभियोग में अभियुक्तों लोकेश व रेनू उपरोक्त को मु0अ0सं0 262/14, वाद सं0 122/15 धारा 302/34 भादवि में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं मु0अ0सं0 431/2014, वाद सं0 12/2015 धारा 25 आयुध अधि0 में अभियुक्त लोकेश उपरोक्त को तीन वर्ष के कारावास व 1000-1000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।