लखनऊ। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस)-2023 के शुक्रवार को शुरू होने से पहले उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कटाक्ष किया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार को उद्योगपतियों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए।
उन्होंने उद्योगपति गौतम अदाणी को बीजेपी का विटामिन ए बताया और कहा कि विटामिन ए की अधिकता और नुकसान के अपने नुकसान हैं।
सपा प्रमुख ने कहा, भाजपा सरकार एक कमरे में काम करने वाली कंपनियों से एमओयू करवा रही है। सूट-टाई वाला जिसे भी देख लेती है, भाजपा सरकार उससे एमओयू साइन करवा रही है।
उद्योग और उद्योगपतियों को प्रगति करनी चाहिए, लेकिन सरकार द्वारा कोई भेदभाव या तरजीही व्यवहार नहीं होना चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता कि एक उद्योगपति बढ़ता है और दूसरा नहीं। सरकार को सभी के लिए समान ²ष्टि रखनी चाहिए।
इस बीच कांग्रेस ने जीआईएस-23 को ग्लोबल इवेंट समिट करार दिया और आरोप लगाया कि इसका आयोजन जनता के पैसे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है।
एआईसीसी के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार एक तरफ तो जीआईएस से पहले 21 लाख करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ इसके आयोजन पर बड़ी रकम भी खर्च कर रही है।
सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने शिखर सम्मेलन के लिए कुछ इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों को भी शामिल किया है और अब उसे स्पष्ट करना चाहिए कि वह ऐसी एजेंसियों को कितना पैसा दे रही है।
हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हरीश श्रीवास्तव ने कहा, “अखिलेश यादव की साजिशे नाकाम हो चुकी हैं। वह हताश हो रहे हैं और यह उनके बयानों में दिखता है। सपा को यह पता होना चाहिए कि वह उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल है।”
उन्होंने कहा, वह अपने कार्यकाल के दौरान राज्य के लिए बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्हें समस्या है कि भाजपा बुलेट ट्रेन की गति से विकास कर रही है और लोग पार्टी का समर्थन कर रहे हैं।”
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कांग्रेस जवाब देने लायक भी नहीं है।