नयी दिल्ली- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) 2019 और इसके 11 मार्च 2024 को अधिसूचित नियमों के पीछे ‘अपवित्र सांठगांठ’ का आरोप लगाते हुए इन पर रोक लगाने की गुहार के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
इस मामले अधिनियम और इससे संबंधित नियमों पर रोक लगाने की मांग करते हुए केरल की इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और अन्य ने याचिकाएं दायर की थीं, जिनपर शीर्ष अदालत 19 मार्च को सुनवाई करने वाली है।
श्री ओवैसी ने अपने आवेदन में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के साथ-साथ इसके नियमों की वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं के अंतिम निपटान तक रोक लगाने की गुहार लगाई है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 11 दिसंबर 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया और 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति ने अपनी सहमति थी।
इस अधिनियम में अफगानिस्तान, बंगलादेश या पाकिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय के ऐसे प्रवासियों को नागरिकता प्राप्त करने के लिए अनुमति दी है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर चुके हैं।