Tuesday, May 6, 2025

तमिलनाडु में बीजेपी की साज‍िश में फंस गए हैं पलानीस्वामी : मणिकम टैगोर

मदुरई। तमिलनाडु में साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और एआईएडीएमके के बीच हुए गठबंधन पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पलानीस्वामी बीजेपी की साज‍िश में फंस गए हैं। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह गठबंधन पहले ही दो चुनावों में असफल हो चुका है। 2019 में यही गठबंधन था और वे सिर्फ एक सीट को छोड़कर सभी सीटें हार गए। 2021 में भी उन्हें करारी हार मिली। यह एक असफल प्रयोग साबित हुआ। अमित शाह के प्रभाव में अब पलानीस्वामी एआईएडीएमके को ‘अमित डीएमके’ में बदलने की अनुमति दे रहे हैं। यह बीजेपी की साज‍िश है और पलानीस्वामी इसमें फंस गए हैं। यह बहुत दुखद है कि एमजीआर और जयललिता की बनाई पार्टी अब बीजेपी द्वारा अवशोषित की जा रही है, जो अंत में उसे नष्ट कर देगी।

“तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा ‘जय श्री राम’ नारे लगाए जाने पर उन्होंने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल छात्रों को नारे लगाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अगर छात्र स्वेच्छा से नारे लगाते हैं, तो यह अलग बात है। राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर हैं और छात्रों को बार-बार धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर करना गलत संदेश देता है। हम सभी मानते हैं कि राम समाज के अभिन्न अंग हैं और ‘जय श्री राम’ एक ऐसा नारा है, जिसे कई लोग स्वेच्छा से बोलते हैं, लेकिन जब राज्यपाल ने इसका इस्तेमाल किया है, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। वे एक राजनेता की तरह काम करने लगे हैं और अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने के बजाय राजनीति कर रहे हैं।” 2026 विधानसभा चुनाव में एनडीए की सत्ता में वापसी वाले अमित शाह के बयान पर उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि तमिलनाडु के लोग अमित शाह के सपने को कभी पूरा नहीं होने देंगे।

उन्होंने पलानीस्वामी को आत्मसमर्पण करने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल किया है। यह गठबंधन ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग ने दबाव बनाकर बनाया है।” मणिकम टैगोर ने कहा, “कांग्रेस पार्टी हमेशा तमिलनाडु में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव एलायंस में अपने सहयोगियों के साथ खड़ी रही है। हमने डीएमके का विश्वास अर्जित किया है। साल 2006 में जब संख्या की कमी थी, तो हमें तमिलनाडु में एक मंत्रालय की पेशकश की गई थी। हालांकि, उस समय कांग्रेस प्रभारी रहे डॉ. वीरप्पा मोइली ने कहा कि राज्य नेतृत्व उस स्थिति को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था। राज्य कांग्रेस के भीतर स्पष्टता की कमी थी। हमें उम्मीद है कि राज्य कांग्रेस में इस मुद्दे पर स्पष्टता होगी और कांग्रेस समिति की तमिलनाडु कार्यकारिणी को ये निर्णय लेने चाहिए।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय