Sunday, November 10, 2024

राजस्थान ने सौर ऊर्जा क्षमता में प्रथम एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता श्रेणी में हासिल किया द्वितीय स्थान

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर कन्वेंशन एवं एग्जीबिशन सेंटर में चौथी वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश बैठक और एक्सपो (री-इन्वेस्ट 2024) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आज राजस्थान भारत में अक्षय ऊर्जा उत्पादन में पहले स्थान पर है। यहां का भड़ला सोलर पार्क 2 हजार 245 मेगावाट स्थापित सोलर क्षमता के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेशकों के लिए प्रदेश में अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में 28 गीगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं से लगभग 470 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादित हो रही है और 32 गीगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। साथ ही, राज्य में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा और 284 गीगावाट पवन ऊर्जा के उत्पादन की संभावनाएं हैं। हम वर्ष 2031-32 तक 115 गीगावाट सौर एवं पवन ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राजस्थान बनेगा ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार बिजली क्षेत्र में सुधारों के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। हमने ’विकसित राजस्थान 2047’ के संकल्प को पूरा करने के लिए अगले 10 वर्षों में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत राजस्थान के सभी जिलों में आदर्श सौर ग्राम विकसित किए जा रहे हैं। कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में 228 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं स्थापित हो चुकी हैं और 300 मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। कम्पोनेंट-सी के तहत राज्य को 4 हजार 524 मेगावाट की सौर परियोजनाओं का आवंटन किया गया है।

राइजिंग राजस्थान से आएगा ऊर्जा क्षेत्र में निवेश
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि वैश्विक सहयोग, तकनीक, अनुसंधान, प्रशिक्षण और निवेश की सहायता से प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार 9 से 11 दिसंबर तक जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान’ इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन करने जा रही है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान में विगत 9 महीनों में बिजली तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ 1 लाख 64 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए हैं। साथ ही, केंद्र सरकार ने राज्य में 5 हजार 292 मेगावाट क्षमता के तीन अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क भी स्वीकृत किए हैं। राज्य में 7 गीगावाट क्षमता की पंप स्टोरज परियोजनाओं हेतु 8 साइट चिह्नित की जा चुकी हैं। पंप स्टोरेज परियोजनाओं की स्थापना प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए नई पॉलिसी बनाई जा रही है।

गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 200 गीगावाट क्षमता के लक्ष्य की प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए राजस्थान को समारोह में सम्मानित किया गया। राज्य ने कुल सोलर ऊर्जा क्षमता श्रेणी में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करते हुए देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। वहीं कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की श्रेणी में राजस्थान द्वितीय स्थान पर रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी के हाथों से यह पुरस्कार ग्रहण किए।

कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र भाई पटेल, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी, केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपद येस्सो नाइक सहित विभिन्न देशों एवं राज्यों के प्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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