लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति लगातार गरमा रही है। समाजवादी पार्टी के साथ यूपी चुनाव में गठबंधन करने वाली अपना दल कमेरावादी अब अलग राजनीतिक धारा खींचती दिख रही है। अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता और समाजवादी पार्टी से विधायक पल्लवी पटेल अब ‘पीडीएम’ (पिछड़ा, दलित, मुस्लिम) के जरिए लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों को हराएंगी।
समाजवादी पार्टी के पीडीए के मुकाबले पल्लवी की पिछड़ा, दलित व मुस्लिम नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश है। इसके लिए उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिलाया है। नया गठजोड़ तीन दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। पल्लवी पटेल रविवार को दोपहर प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी घोषणा करेंगी।
राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर समाजवादी पार्टी व अपना दल कमेरावादी की पल्लवी के बीच खटास हुई थी। सपा ने जया बच्चन, रामजीलाल सुमन व आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाया था, पल्लवी इसी बात से नाराज थीं।
उन्होंने कहा था कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की राजनीति करने वाली सपा ने पिछड़े व अल्पसंख्यकों को प्रत्याशी नहीं बनाया। पल्लवी के रुख से नाराज अखिलेश यादव ने पिछले दिनों दो टूक कहा था कि अपना दल कमेरावादी से 2022 में ही गठबंधन था, अब 2024 में गठबंधन नहीं है। इस पर पल्लवी ने कहा था कि कांग्रेस तय करे कि अपना दल कमेरावादी आइएनडीआइए गठबंधन में है या नहीं।
कांग्रेस से भी जवाब न मिलने पर पल्लवी नए विकल्प की तलाश में जुट गईं। कोई रास्ता न दिखने पर पल्लवी रविवार को ‘पीडीएम’ की राजनीति करने की घोषणा करेंगी। एआइएमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी सहित कुछ अन्य मुस्लिम नेता उनके साथ नजर आएंगे। सपा से बागी तेवर अपनाने वाली पल्लवी पटेल का मानना है कि अखिलेश का पीडीए भटक चुका है।