गाजियाबाद। शनिवार को हिंदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में जिले के 37 हजार किसानों को घरौनी वितरित की गई है। इसके अलावा तीनों तहसीलों के सभी 162 ग्राम पंचायतों के 191 गांव के किसानों को घरौनी वितरित की जाएगी।
गाजियाबाद एडीएम वित्त/राजस्व सौरभ भट्ट ने घरौनी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह घर आपका है, इसका दस्तावेज बनेगी ‘घरौनी’। जिस तरह कृषि भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज खतौनी होती है। अब उसी तरह अब घरों के दस्तावेज के रूप में घरौनी होगी।
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उन्होंने बताया कि अब ग्रामीणों के पास अपने घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा। गाजियाबाद के तीनों तहसीलों में लाभार्थियों की घरौनी तैयार हो गई है। इनका वितरण भी 18 जनवरी को जिले में कर दिया गया। स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन सर्वे कर घर चिह्नित किए गए हैं। इसके बाद इनका मालिकाना हक तैयार किया गया। घरों के मालिकाना हक का कानूनी दस्तावेज नहीं था। अब घरौनी के रूप में घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा। गांवों में घरों के मालिकाना हक का दस्तावेज न होने से विवादों के निस्तारण में परेशानी आती थी। अब ऐसा नहीं होगा। घरों पर बैंक से कर्ज लेने की सुविधा आसान होगी। ग्राम पंचायतों को घरों पर कर निर्धारण का अधिकार होगा। इससे जिले का राजस्व बढ़ेगा।
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एडीएम एफ/आर सौरभ भट्ट ने बताया कि सरकार की इस योजना से संपत्ति को लेकर होने वाले झगड़े कम होंगे और बैंक से लोन लेना आसान हो जाएगा। अब पैतृक स्वामित्व दस्तावेज भी लोगों के पास मौजूद रहेगा। लोगों के पास पैतृक संपत्ति, खेती आदि का डिजिटल रिकाॅर्ड मौजूद रहेगा। इन घरौनियों से बैंक ऋण लेने में आसानी होगी, संपत्ति का मूल्य निर्धारण आसान हो जाएगा।