Sunday, December 22, 2024

संसद में ओवैसी के जय फिलिस्तीन बोलने पर संसद सदस्यता समाप्त होनी चाहिए: यति नरसिम्हानंद

मुजफ्फरनगर। अपने कट्टर बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले महामंडलेश्वर यति नरसिम्हानंद ने संसद में जय फिलिस्तीन का नारा बोलने वाले सांसद ओवैसी की संसद सदस्यता समाप्त करने की मांग उठाई है। उन्होंने दिसंबर माह में होने वाली विश्व धर्म संसद में सभी सनातनी लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया है। विश्व धर्म संसद के इस आयोजन में संयुक्त हिंदू महासंघ के मुख्य पदाधिकारीयों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से योगेंद्र वर्मा संस्थापक, जिला अध्यक्ष अखिलेश पुरी, जिला महासचिव हरीश पालीवाल, संरक्षक बिट्टू सिखेड़ा, संरक्षक वीरेंद्र त्यागी, हिंदू महासभा पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार बारी, जिला अध्यक्ष हिंदू महासभा गौरव त्यागी महंत आचार्य पंकज शास्त्री आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे। विश्व धर्म संसद में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि धर्म के नाम पर निर्दोष जनों की घृणित हत्या सिखाने वाले सम्पूर्ण मानवता के अपराधी हैं। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने शगुन बैंकटहाल में साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में विश्व धर्म संसद के आयोजन हेतु सहायता हेतु बैठक में सहभागिता की। बैठक में शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदसनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने विस्तार से विश्व धर्म संसद के विषय में जानकारी दी।विश्व धर्म संसद का आयोजन 17 से 21 दिसंबर को शिवशक्ति धाम डासना में यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन के द्वारा अन्य संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा।

 

बैठक को सम्बोधित करते हुए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि संपूर्ण विश्व में अपने मजहब के नाम पर निर्दोष जनों की हत्या करने का नाम ही इस्लामिक जिहाद है और ये सिखाने वाले संपूर्ण मानवता के अपराधी हैं।इनसे आज विश्व के सभी गैर मुस्लिमो को संघर्ष करना ही होगा।आज लोकसभा चुनावों में जिस तरह से भारत के प्रधानमंत्री को जगह जगह अपनी सभाओ में इस्लामिक जिहाद की चर्चा करनी पड़ा,ये बहुत ही चिंता की बात है। यह दर्शाता है कि स्थिति अब कितनी खराब हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी सभाओं में वही सब कुछ कहा है, जो हम पिछले अनेक वर्षों से कहते आ रहे हैं।

 

आज प्रधानमंत्री की बात को गम्भीरता से लेकर इसका समाधान खोजने की जरूरत है। हमें यह भी समझना पड़ेगा कि इस्लामिक जिहाद किसी समुदाय विशेष, किसी क्षेत्र विशेष या देश विशेष की समस्या नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के गैर मुस्लिमो की समस्या है और इसके समाधान के लिये विश्व स्तर के प्रयास अति आवश्यक है।विश्व धर्म संसद इसका रास्ता खोजने का कार्य करेगी।विश्व धर्म संसद के लिए चारो पीठो के जगद्गुरु शंकराचार्य को मार्गदर्शन के लिये निवेदन किया जा चुका है। अब हम देश के सभी पंथों,सम्प्रदाय और धार्मिक समूहों के धर्मगुरुओं से विश्व धर्म संसद का सहयोगी बनने का निवेदन करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि जिहाद की विभीषिका को न समझने के कारण ही आज सम्पूर्ण मानवता विनाश की ओर तेजी से जा रही है।हम सनातन धर्म के मानने वाले इस्लामिक जिहाद के सबसे निरीह शिकार रहे हैं। इतने अवर्णनीय अत्याचारों के बाद भी हम विश्व को अपनी पीड़ा बता नहीं पाए जिसके कारण सम्पूर्ण विश्व इस्लामिक ज़िहाद को समझने में असफल हो गया।आज समय आ चुका है कि हम अपनी गलतियों को सुधारते हुए सम्पूर्ण विश्व को अपने साथ हो रहे अन्याय और अत्याचारों की सच्चाई से अवगत कराए और सम्पूर्ण विनाश को वैचारिक रूप से संघर्ष के लिये तैयार करें।हम विश्व धर्म संसद के माध्यम से अपनी यह जिम्मेदारी पूरी करेंगे।

 

उन्होंने यह भी कहा कि जो अमानवीयता गत वर्ष 7 अक्टूबर को हमास के जिहादियों ने निर्दोष यहूदियों के साथ दिखाई,वह उन्होंने हजारो बार हमारे साथ कि है।अब समय आ गया है कि हम हिन्दू दुनिया को दिखाए की हम अहिंसक हैं, परंतु कायर या कमजोर नहीं। विश्व धर्म संसद एक दैवीय आयोजन होगा।हम इसको करने में कोई भी कसर नही छोड़ेंगे और इस आयोजन के बाद सम्पूर्ण विश्व का इस्लाम के जिहाद के बारे दृष्टिकोण बदल जायेगा।

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